Ghazipur: किशोरी भगाने के दोषी को 20 साल की सजा, 25 हजार जुर्माना
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. विशेष न्यायाधीश पाक्सो प्रथम जय प्रकाश की अदालत ने बुधवार को पांच साल से लंबित मुकदमे में फैसला सुनाया। मामला नाबालिग को बहलाकर उसके साथ दुष्कर्म करने का था। जिसमें आरोपी को बीस साल सश्रम कठोर कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई। घटना 21 सितंबर 2015 की है। जब आरोपी शादियाबाद में सड़क बनाने के दौरान किशोरी को बहला फुसलाकर साथ ले गया।
परिजनों ने तलाश की तो पता चला कि वह अपने साथ गैर प्रदेश में किशोरी को ले गया है। पिता ने शादियाबाद थाने में घटना का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया ओर उसे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में पिछले पांच साल से लगातार दलीलों का दौर चलता रहा, जिस पर बुधवार को फैसला हुआ। बुधवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो प्रथम जय प्रकाश के अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 20 साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई है। वहीं 25 हजार रुपये जुर्माना भरने का अर्थदंड भी दिया है। जुर्माना नहीं भरने पर 1 साल की अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश दिया है। अर्थदण्ड की धनराशि से 20 हजार रुपये पीड़िता को चिकित्सा एवं पुनर्वास के लिए मुआवजा के रूप में देने का आदेश दिया है।
अभियोजन के अनुसार शहर कोतवाली के महराजगंज निवासी शिशु बिन्द पुत्र लालमुनि ने थाना शादियाबाद स्थित भिखेपुरपुर गांव में 21 सितंबर 2015 को सीसी रोड बनाने का कार्य कर रहा था। पिछले कुछ दिनों से एक सड़क बनने के दौरान श्रमिक शिशु बिन्द का एक किशोरी से संवाद हुआ फिर उस नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर कर 21 सितंबर 2015 को भगा ले गया। इसकी जानकरी जबपीड़िता के पिता को हुई तो इसकी तहरीर थाना शादियाबाद में दिया। जिस आधार पर पुलिस द्वारा उसकी नाबालिग पुत्री को बरामद किया। पीड़िता द्वारा अपने बयान में बताया कि शिशु बिन्द मुझे लालच दे कर बहला फुसला के सूरत ले गया और दुष्कर्म किया। अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक अनुज कुमार राय ने कल नौ गवाहों को पेश किया। सभी ने घटना की पुष्टि की। गवाहों की दलील, पुलिस की चार्जशीट और अन्य पहलुओं पर गौर करने के बाद कोर्ट ने शहर कोतवाली के महराजगंज निवासी शिशु बिन्द को दोषी पाया और उसे बीस साल कारावास की सजा सुनाई।
