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हमेशा के लिए खामोश हुआ आकाशवाणी का गोरखपुर केंद्र, ट्रांसमीटर पर लगा ताला

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. लंबी कवायद के बाद आखिरकार शनिवार को आकाशवाणी गोरखपुर के बरगदही (भटहट) में 1972 से स्थापित हाइपावर मीडियम वेब ट्रांसमीटर पर सुबह 11 बजे ताला लग गया। और इसी के साथ छह अक्टूबर 1974 से रेडियो के मीडियम वेब से 303.03 मीटर यानी 909 किलोहट्र्ज पर अनवरत गूंजने वाली आकाशवाणी गोरखपुर की आवाज भी खामोश हो गई। हालांकि 100.1 मेगाहट्र्ज एफएम पर विविध भारती के कार्यक्रमों के बीच हर शाम 5 से 6 बजे तक आकाशवाणी के निर्धारित स्थानीय कार्यक्रम सुने जा सकेंगे। इसके अलावा प्रसार भारती के एप पर प्रसारण सुनने का विकल्प मौजूद रहेगा। इसे सुनने के लिए गूगल प्लेस्टोर सेे डाऊनलोड करना पड़ेगा।

शनिवार को हमेशा के लिए बंद हुआ ट्रांसमीटर का स्विच  

केन्द्राध्यक्ष राहुल सिंह के निर्देश पर शट डाउन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए सहायक निदेशक (अभियांत्रिकी) राकेश कुमार शुक्ल की अगुवाई में सहायक अभियंता केएम लाल व जीसी राय, प्रदीप श्रीवास्तव, प्रमोद रंजन, कैलाशनाथ की टीम शनिवार की सुबह 10:30 बजे ही ट्रांसमीटर पर पहुंच गई। जरूरी तकनीकी कार्रवाई के बाद टीम ने दोपहर से पहले 11 बजे ट्रांसमीटर का स्विच हमेशा के लिए बंद कर दिया और कुछ ही देर में ट्रांसमीटर कक्ष में ताला जड़कर उसे सील कर दिया गया। हालांकि ट्रांसमीटर परिसर में मौजूद उपकरणों और अन्य सामानों की सूची बनाने और उसका रिकार्ड तैयार करने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। ट्रांसमीटर बंद होते ही केन्द्राध्यक्ष ने अपनी रिपोर्ट महानिदेशालय को भेज दी। महानिदेशालय के निर्देश के मुताबिक ट्रांसमीटर के कारगर उपकरणों का उपयोग केंद्रीय मेंटिनेंस विभाग करेगा जबकि अन्य खराब उपकरणों के निस्तारण का निर्णय स्थानीय स्तर पर अधिकारियों द्वारा लिया जाएगा।


जारी रहा प्रसारण का कार्य

आकाशवाणी गोरखपुर के कार्यक्रम विभाग को चूंकि अभी तक प्रसारण रोकने का कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है, इसलिए शनिवार को टाउनहाल स्थित स्टूडियो से प्रसारण का कार्य पहले की तरह जारी रहा। ट्रांसमीटर बंद होने के बाद प्रसारण का कार्य प्रसार भारती के एप से किया गया। हालांकि रेडियो से प्रसारण बंद होने का दुख आकाशवाणी कर्मचारियों और कलाकारों के चेहरे साफ महसूस किया गया।

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