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ग़ाज़ीपुर की 100 और जौनपुर में 21 ITI की बैंक गारंटी फर्जी, यूनिट बढ़वाने को लगाई थी एफडी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. ग़ाज़ीपुर व जौनपुर जिले में संचालित हो रहे आइटीआइ (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मान्यता लेने के लिए गाजीपुर में लगभग 100 और जौनपुर में 21 आइटीआइ द्वारा लगाई गई बैंक गारंटी फर्जी मिली है। जांच के बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। इससे संबंधितों में खलबली मची हुई है। 

ग़ाज़ीपुर में फिलहाल दो राजकीय और 184 निजी आइटीआइ संचालित होती हैं। इसकी मान्यता लेने को प्रत्येक यूनिट के लिए अन्य कागजातों के साथ 50 हजार रुपये की बैंक गारंटी भी देनी पड़ती है। अगर किसी को 10 यूनिट की मान्यता लेनी है तो उसे पांच लाख रुपये की बैंक गारंटी एफडी के रूप में जमा करनी पड़ेगी। पूरी फाइल तैयार कर प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय लखनऊ में जमा की जाती है। फिर वहां से टीम भेज कर संबंधित कालेजों का सत्यापन कराया जाता है। सही पाए जाने और मानक पूरा होने पर उन्हें मान्यता दी जाती है। इस क्रम में गाजीपुर से 175 और जौनपुर से 25 आइटीआइ ने मान्यता व यूनिट बढ़वाने के लिए आवेदन किया था, जिसकी जांच शासन द्वारा कराई गई।


ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा

बैंक गारंटी के रूप में जमा की जाने वाली मोटी रकम से बचने के लिए आइटीआइ संचालकों ने तरकीब निकाली। उन्होंने बैंक में पैसा न जमा कर कंप्यूटर से बैंक की फर्जी एफडी बनवा ली और उसे मान्यता की फाइल में लगा दिया। फर्जीवाडे की बू आने पर निदेशालय ने आइटीआइ की सूची बनाकर जिला मुख्यालय जांच के लिए भेज दिया। राजकीय आइटीआइ के प्रधानाचार्य राकेश कुमार ने अपने सभी अनुदेशकों को इसकी जांच करने की जिम्मेदारी सौंप दी। अनुदेशक जब जांच करने संबंधित बैंक शाखा में पहुंचे तो हतप्रभ रह गए। अधिकतर के एफडी फर्जी मिले। बैंक प्रबंधन ने अपनी शाखा के नाम से आइटीआइ द्वारा लगाए गई एफडी को फर्जी करार दिया। 


शासन द्वारा ग़ाज़ीपुर में 175 और जौनपुर के 25 आइटीआइ की बैंक गारंटी जांच करने का निर्देश शासन से मिला था। जौनपुर में 25 में से 21 जबकि, ग़ाज़ीपुर में 90 फीसद की बैंक गारंटी फर्जी मिली है। ग़ाज़ीपुर की आधी से अधिक और जौनपुर की पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। -राकेश कुमार, प्रधानाचार्य-राजकीय आइटीआइ जौनपुर व ग़ाज़ीपुर ।

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