Today Breaking News

Ghazipur: बिना शिक्षक के चल रहे जिले में आधा दर्जन संस्कृत विद्यालय

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. बिना शिक्षक व कर्मचारी के भी स्कूल-कालेज चलाए जा सकते हैं। सैद्धांतिक रूप से भले ही यह नियम संगत न लगती हो लेकिन व्यवहारिक रूप से जिले में ऐसे आधा दर्जन संस्कृत विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें एक भी शिक्षक नहीं हैं। यहां तक कि उन्हें खोलने व बंद करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक नहीं हैं। उन्हें दूसरे विद्यालय के कर्मचारियों को अटैच कर किसी तरह संचालित किया जा रहा है।

जिले में फिलहाल 10 संस्कृत महाविद्यालय व 10 संस्कृत माध्यमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं। यहां पर तैनात पुराने शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी एक-एक कर सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं, लेकिन नई भर्ती नहीं हो रही है। पिछले कई वर्ष से यहां नए शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की भर्ती पर शासन ने रोक लगा रखी है। इससे उनका पद खाली रह जाता है। इसके चलते आधा दर्जन संस्कृत विद्यालयों में ताला लटक गया है। उन्हें जीवित रखने के लिए किसी तरह दूसरे विद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को अटैच कर काम चलाया जा रहा है। वह भी कभी आते हैं तो कभी नहीं। दु‌र्व्यवस्था के चलते इन विद्यालयों में छात्र भी नाममात्र के हैं। संस्कृत महाविद्यालय सादात में तो एक भी छात्र नहीं हैं। बार-बार पत्राचार करने के बाद भी शासन इसका संज्ञान नहीं ले रहा है।


शिक्षकविहीन संस्कृत विद्यालय

- संस्कृत महाविद्यालय सादात।

- संस्कृत महाविद्यालय कोट चीतनाथ।

- सनातन संस्कृत महाविद्यालय रेवतीपुर।

- संस्कृत माध्यमिक विद्यालय ढढनी।

- संस्कृत माध्यमिक विद्यालय सुहवल।

- संस्कृत माध्यमिक विद्यालय परमेठ।


शासन ने संस्कृत विद्यालयों में नए शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की भर्ती नहीं कर रही है। इसके चलते आधा दर्जन संस्कृत विद्यालय शिक्षक विहीन हो गए हैं। उन्हें किसी तरह दूसरे शिक्षकों से अटैच कर चलाया जा रहा है।- डा. ओपी राय, डीआइओएस।

'