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Ghazipur: सिर्फ पांच शिक्षकों के भरोसे चल रहा शहीद स्मारक राजकीय महाविद्यालय

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. मुहम्मदाबाद इलाके के बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने को लेकर नगर में स्थापित शहीद स्मारक राजकीय महाविद्यालय अपने उद्देश्य में कामयाब होता नहीं दिख रहा है। यहां पर केवल संस्कृत, उर्दू, दर्शनशास्त्र, समाज शास्त्र व भौतिक विज्ञान के ही शिक्षक नियुक्त हैं। शिक्षकों के अभाव के चलते यह महाविद्यालय केवल पंजीकरण केंद्र बनकर रह गया है। इससे इलाके के छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन के लिए दूसरे जगहों पर जाना पड़ रहा है।

शहीद स्मारक राजकीय महाविद्यालय मुहम्मदाबाद

करीब ढाई दशक पूर्व प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल मोती लाल वोरा ने शहीद स्मारक राजकीय महाविद्यालय खोलने व पूरे संसाधन की व्यवस्था कराई थी। महाविद्यालय में पहले कला संकाय का संचालन हुआ। इसमें हिदी, अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृत, दर्शनशास्त्र, समाज शास्त्र, राजनीति शास्त्र, मध्यकालीन इतिहास, भूगोल,मनोविज्ञान के विषयों की मान्यता मिली। काफी समय बाद बीएससी व बीकाम की मान्यता मिली। कुछ वर्ष पूर्व स्नातकोत्तर कक्षाओं में हिदी, समाजशास्त्र व अंग्रेजी के विषयों की कक्षाएं शुरू करने की अनुमति मिली। 


इतना सब कुछ होने के बावजूद इस महाविद्यालय में वर्तमान में केवल संस्कृत, उर्दू, दर्शन शास्त्र, समाज शास्त्र के ही शिक्षक नियुक्त हैं। बीएससी के भौतिकी, रसायन, वनस्पति, जंतु विज्ञान के विषयों में मात्र भौतिकी के शिक्षक नियुक्त हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो तहसील मुख्यालय पर कहने को राजकीय महाविद्यालय है, लेकिन शिक्षकों के अभाव के चलते उन विषयों के छात्र छात्राएं बिना कक्षा किए ही व्यक्तिगत तैयारी पर परीक्षा में शामिल होते हैं। छात्रों का कहना है कि महाविद्यालय में प्रवेश लेकर संस्थागत हो जाते हैं। उसके बाद पुस्तक की व्यवस्था कर बिना कक्षा किए, व्यक्तिगत तैयारी कर परीक्षा में भाग लेते हैं। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डा. राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि शिक्षकों के रिक्त पदों का अभियाचन शासन को भेजा गया है। उम्मीद है इस माह के अंत तक शिक्षकों की तैनाती हो जाएगी।

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