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कोरोना काल में बदले परीक्षा केंद्र के मानक, प्रत्येक परीक्षार्थी के बीच में रहेगी 36 वर्ग फिट दूरी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. यूपी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर माध्यमिक शिक्षा परिषद तैयारियां तेज कर दी हैं। कोरोना संक्रमण से उपजे हालात को देखते हुए परीक्षा केंद्रों पर कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए व्यवस्था रहेगी। विभाग द्वारा इसके लिए परीक्षा केंद्रों पर मानक निर्धारित कर दिए गए हैं। परीक्षा के दौरान शारीरिक दूरी के मानक को गंभीरता से पालन कराए जाने के कारण इस बार परीक्षा केंद्रों की संख्या भी अधिक रहेगी।

परीक्षा केंद्रों के मानक

  • अब हर छात्र के बीच में निर्धारित दूरी होगी अनिवार्य
  • यूपी बोर्ड 2021 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं के लिए केंद्र निर्धारण नीति जारी
  • माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कोविड-19 महामारी के संक्रमण से बचाव व सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2020-21 की हाईस्कूल व इंटरमीडिए बोर्ड परीक्षाओं के लिए केंद्र निर्धारण के मानकों में थोड़ा बदलाव कर दिया है। अब कमरे में प्रत्येक परीक्षार्थी के बीच में 36 वर्ग फिट (3.34 वर्ग मीटर) दूरी रखना अनिवार्य होगा। केंद्र बनाने के लिए दोनों पालियों में आवंटित परीक्षार्थियों की कुल संख्या न्यूनतम 150 एवं अधिकतम 800 होनी चाहिए। अभी तक यह संख्या 300 और अधिकतम 1200 थी। शासन की गाइड लाइन जारी होने पर डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं।


ये भी जानें  

  • सत्र 2019-20 में हाईस्कूल के परीक्षार्थियों की संख्या: 50102
  • सत्र 2019-20 में इंटर के परीक्षार्थियों की संख्या: 51002
  • राजधानी में इंटर कॉलेजों की संख्या जहां मानकों को लेकर निरीक्षक चल रहा है :779
  • परीक्षा केंद्र बनाए जाने के लिए मानकों का निरीक्षण करने के लिए लगाए गए प्रधानाध्यापक : 51
  • इस सत्र 2020-21 में हाईस्कूल के परीक्षार्थियों की संख्या: 50356
  • इस सत्र 2020-21 में इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों की संख्या: 51321


गलत सूचना पर नपेंगे प्रिंसिपल

परीक्षा केंद्रों का निर्धारण ऑनलाइन किया जाएगा। सभी प्रधानाचार्यों को परिषद की वेबसाइट upmsp.edu.in पर सभी आधारभूत सुविधाएं अपलोड करनी होंगी। इन सूचनाओं के आधार पर जिलाधिकारी की ओर से गठित टीम मौके पर जाकर जांच करेगी। यदि किसी भी प्रधानाचार्य ने आधारभूत सूचनाएं परिषद की वेबसाइट पर अपलोड नहीं की य फिर गलत सूचनाएं दीं तो उनके विद्यालय को परीक्षा केंद्र की पात्रता लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा। साथ ही उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।


सॉफ्टवेयर तय करेगा केंद्र 

परीक्षा केंद्रों का निर्धारण के लिए सॉफ्टवेयर बनेगा। विद्यालयों के बीच दूरी के निर्धारण की सूचना विद्यालयों की मैपिंग/ जियो टैगिंग कराई जाएगी। इसके लिए परिषद के मोबाइल एप से विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को यह मैपिंग खुद ही करनी होगी। यह एप upmsp.edu.in पर सभी विद्यालयों के पैनल पर उपलब्ध है। प्रधानाचार्य इस एप को अपने स्मार्ट एंड्रायड फोन में डाउनलोड करेंगे। फिर अपने विद्यालय परिसर में इस एप में विद्यालय की यूजर आइडी व पासवर्ड के माध्यम से लॉग इन करेंगे। जिससे विद्यालय का अक्षांश एवं देशांतर परिषद की वेबसाइट के सर्वर पर स्वत: दर्ज हो जाएगा।


मेरिट सूची से बनेंगे सेंटर

वेबसाइट पर अपलोड सूचनाओं के आधार पर अंक दिए जाएंगे। इसमें राजकीय, एडेड और वित्त विहीन विद्यालयों की अलग-अलग मेरिट सूची तैयार की जाएगी। इंटर और हाईस्कूल स्तर के विद्यालयों के पिछले साल के नतीजों पर दिए जाने वाले अंक बढ़ा दिए हैं। हाईस्कूल और इंटर के पिछले साल के स्कूल के नतीजे 90 फीसद से ज्यादा होने पर 10 की जगह 20-20 अंक दिए जाएंगे। इन्हीं आधार पर सेंटर बनेंगे।

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