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Ghazipur: जिले के 1237 ग्राम पंचायतों की बैंकिग कार्य संभालेंगी बीसी सखी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गरीबी उन्मूलन व महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जिले में संचालित स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा रहा है। इस क्रम में प्रदेश सरकार ने बीसी (बैंकिग करेस्पांडेंट) सखी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में बैंकिग सेवाएं पहुंचाने के लिए जिले में स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं 1237 महिलाओं को बीसी सखी के रूप में तैनात किया गया है। पैसे का लेनदेन कराने पर इन्हें कमीशन मिलेगा। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को कोटे की दुकान चलाने व बिजली का बिल वसूलने के लिए लगाया जा रहा है।


प्रशिक्षण के बाद शुरू करेंगी काम

बीसी सखी योजना का लाभ ग्रामीण महिलाओं को होगा। स्वयं सहायता से जुड़ी महिलाएं गांवों में लोगों को बैंकिग सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी। इन पर गांव के लोगों को बैंकिग के लिए जागरूक करने की भी जिम्मेदारी होगी। ये घर पर ही ग्रामीण बैंकों का काम भी निबटाएंगी। योजना के तहत चुनी गई महिलाओं को छह महीने तक प्रति माह चार हजार रुपये की सैलरी मिलेगी। इसके अलावा लोगों को बैंकिग ट्रांजेक्शन कराने के लिए इन्हें कमीशन भी मिलेगा। चूंकि योजना के तहत सखी गांव वालों को डिजिटल माध्यम से सेवाएं देंगीं इसलिए इन्हें डिजिटल डिवाइस भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस तरह के डिजिटल डिवाइस खरीदने के लिए सरकार 50,000 रुपये की आर्थिक मदद देगी।


महिलाओं के हवाले कोटे की दुकान

पिछले कुछ महीनों से सरकार निरस्त हुए कोटे की दुकानों को स्वयं सहायता समूहों को संचालित करने के लिए सौंप रही है। अगर किसी गांव की दुकान निरस्त हो गई तो स्वयं सहायता समूह को प्राथमिकता के तौर पर उसके संचालन की जिम्मेदारी दी जा रही है। जिले में अब तक 27 दुकानें स्वयं सहायता समूहों को सौंपी जा चुकी हैं। आगे भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी। इससे मिलने वाला लाभ उससे जुड़ी महिलाओं को बांटा जा रहा है।


बिजली बिल वसूलने की भी जिम्मेदारी

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अब बिजली बिल वसूलने की भी जिम्मेदारी दी जा रही है। वह गांव में घर-घर जाकर यह काम कर रही हैं। दो हजार रुपये तक के बिल वसूली पर उन्हें 20 रुपये कमीशन मिल रहा है और पांच से 50 हजार रुपये तक एक फीसद कमीशन मिलेगा। इससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।

बच्चों को बांट रही ड्राइ फूड

सरकार ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए ड्राइ फूड पैक कर वितरित करने की जिम्मेदारी दी है। इससे महिलाओं को घर बैठे रोजगार मिल रहा है और इससे अधिक से अधिक महिलाएं जुड़ रही हैं.

 
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