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कानपुर में 3 कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे 50 डॉक्टर और 58 पैरा मेडिकल स्टाफ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. कोविड प्रोटोकॉल के चक्कर में कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट के कोविड हॉस्पिटलों में तीन कोरोना मरीजों का इलाज करने में 50 डॉक्टर और 58 पैरा मेडिकल स्टाफ फंसा हुआ है। सोमवार रात 6 घंटे कोई कोविड मरीज न होने पर भी ड्यूटी पर अलर्ट रहना पड़ा। भोर में दो संक्रमित प्रसूताएं और एक गंभीर मरीज भर्ती हुए तो फिर से डॉक्टर इलाज में सक्रिय हुए। 

हैलट के न्यूरो कोविड हॉस्पिटल में पिछले 11 दिनों से सिर्फ पांच कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा था। सोमवार शाम को इनमें से तीन बचे मरीजों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई तो उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। रात में कोई कोविड मरीज अस्पताल में नहीं था। इस पर डॉक्टरों ने कहना शुरू कर कि अब कोविड हॉस्पिटल का दायरा कम किया जाना चाहिए। हालांकि, सुबह एक मरीज न्यूरो कोविड में तो दो संक्रमित प्रसूताओं को जच्चा-बच्चा कोविड विंग में भर्ती कराया गया। इससे फिर से पूरे स्टॉफ को प्रोटोकॉल में सक्रिय होना पड़ा।


100-100 बेड के हैं दो अस्पताल

23 मार्च को संक्रमण की आहट के साथ ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में 100-100 बेड के न्यूरो कोविड और मैटरनिटी कोविड हॉस्पिटल (लेवल-3) बनाए गए। संक्रमित प्रसूताओं के लिए अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा-बच्चा अस्पताल में 20 बेड की अलग कोविड यूनिट तैयार की गई। तीनों कोविड हॉस्पिटल में रोटेशन में हर दिन 108 से 116 डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की ड्यटी लगाई जा रही है। हालांकि, कोरोना के गिरते ग्राफ को देखते हुए विशेषज्ञों और आईसीयू में एनेस्थीसिया के विशेषज्ञों की संख्या घटा दी गई है। 


कोविड हॉस्पिटल में न्यूनतम मरीज हैं लेकिन 50 से ज्यादा डॉक्टरों और कुल सौ से ज्यादा स्टाफ को ड्यूटी करनी पड़ रही है। मैटरनिटी कोविड अस्पताल तो खाली पड़ा है पर डॉक्टर ड्यूटी पर हैं। 27 जेआर और एसआर रोटेशन में ड्यूटी कर रहे हैं। - प्रो. प्रेम सिंह, नोडल अधिकारी, हैलट कोविड हॉस्पिटल 

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