Today Breaking News

मुख्तार अंसारी का डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र खारिज, फर्जी हस्ताक्षर से शस्त्र लाइसेंस का मामला

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. माननीयों की विशेष अदालत के जज ने मुख्तार अंसारी की ओर से पेश डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। यह प्रार्थना पत्र तत्कालीन जिलाधिकारी आलोक रंजन के फर्जी हस्ताक्षर से शस्त्र लाइसेंस जारी कराने एवं लाइसेंसी असलहा का दुरुपयोग करने के मामलों में दिया गया था। 

यह आदेश विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव ने मुख्तार अंसारी की ओर से प्रस्तुत दो अलग-अलग डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र पर उनके अधिवक्ताओं तथा लोक अभियोजक राजेश गुप्ता ,विशेष लोक अभियोजक वीरेंद्र  कुमार सिंह एवं सीबीसीआईडी के विशेष लोक अभियोजक प्रेमचंद पटेल के तर्को को सुनने के बाद दिया।


गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी एवं असलहा लिपिक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था कि इनके द्वारा शस्त्र पत्रावली फर्जी रूप से तैयार की गई जिसमें पुलिस अधीक्षक की संस्तुति और पदनाम अस्पष्ट है तथा तत्कालीन जिलाधिकारी आलोक रंजन का फर्जी हस्ताक्षर बनाया गया।


आलोक रंजन ने अपने बयान में स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने यह शस्त्र लाइसेंस जारी करने के लिए ऐसा कोई आदेश उन्होंने नहीं दिया था। मुख्तार अंसारी के विरुद्ध विवेचना के पश्चात  धारा 467, 468  व 471 आईपीसी एवं धारा 30 आयुध अधिनियम के अंतर्गत आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया था।


मुख्तार अंसारी की ओर से कहा गया था कि उनके विरुद्ध इन कागजातों को तैयार कराने के संबंध में कोई साक्ष्य एकत्र नहीं किया गया है तथा धारा 30 आयुध अधिनियम के अंतर्गत 6 माह की सजा का प्रावधान है जबकि आरोप पत्र उसके बाद प्रस्तुत किया गया है इसलिए उनको इस मामलों में डिस्चार्ज कर दिया जाए जिसे कोर्ट ने सुनने के बाद खारिज कर दिया।

'