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सावधान! कहीं आप केमिकल युक्त लड्डू तो नहीं खरीद रहे, मिलावट करने वालों ने अपनाया नया पैंतरा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. मिठाई की दुकान के शो-केश में सजे ताजे बेसन और मोतचूर के लड्डू देखकर भले ही आपका मन आकर्षित हो जाए, लेकिन खरीदारी के पूर्व इसकी जांच अवश्य करें। दिखने में ताजे इन लड्डुओं में मेटानील येलो मिला हो सकता है। इसके सेवन से कैंसर तक का खतरा है। मुनाफाखोर बेसन में अब मटर की जगह मक्का और चावल का आटा मिला रहे हैं। इससे स्वास्थ्य पर तत्काल कोई प्रभाव तो नहीं दिखता, लेकिन उनका मुनाफा बढ़ जाता है। होली पर्व में बेसन की मांग बढ़ जाती है। इसका प्रयोग नमकीन, सेव, दालमोठ, बेसन व बूंदी के लड्डू बनाने में होता है। मिलावट करने वाले इस बार चने के बेसन में मटर के बजाय मक्के और चावल का आटा मिला रहे हैं। दरअसल मक्के का आटा थोड़ा पीला होता है। इस कारण मिलावट करने वाले इसे आसानी से बेसन में खपा देते हैं। इसे सामान्य लोग आसानी से पकड़ नहीं सकते। इसका बेजा फायदा मिलावट करने वाले उठा रहे हैं।

चमक के लिए मिलाते हैं मेटानील येलो : जानकार बता रहे कि बूंदी या मोतीचूर के लड्डू बनाने में दुकानदार मेटानील येलो का इस्तेमाल करते हैं। इसे मिलाने से लड्डू में चमक बढ़ जाती है। ये दिखने में ताजे लगते हैं। शुद्ध बेसन के लड्डू में चमक नहीं होती। वरिष्ठ फिजीशियन डा. राहुल ङ्क्षसह ने बताया कि मेटानील येलो से पेट की बीमारी शुरू हो जाती है। बाद में यह लिवर सिरोसिस का रूप धारण कर लेता है।


चावल के आटे से बढ़ जाता है नमकीन में कुरकुरापन : शुद्ध बेसन से बने नमकीन में कम कुरकुरापन आता है। इसमें ज्यादा कुरकुरापन लाने के लिए कारोबारी चावल का आटा मिला देते हैं।


चने की दाल में मिला रहे खेसारी की दाल : मिलावट करने वाले अधिक मुनाफा कमाने के लिए चने की दाल में खेसारी की दाल मिलाकर बेसन तैयार कर रहे हैं। चने की दाल से आधी कीमत पर उपलब्ध खेसारी की दाल स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत हानिकारक है। लंबे समय तक इसके प्रयोग से लकवा की बीमारी होने का खतरा बना रहता है।


ऐसे पहचानें : बेसन में डायलूट 50 मिली हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाएं। फिर थोड़ा पानी मिलाकर उसे 15 मिनट तक पकाएं। यदि उसका रंग बदल जाता है तो उस बेसन में खेसारी मिश्रित है। चमकदार लड्डू खरीदने से बचें। जितना अधिक कुरकुरापन नमकीन होगा समझिए उसमें उतना ही चावल का आटा मिलाया गया है।


यह है मिलावट का गणित :

  • 65 रुपये चनेे की दाल
  • 90 रुपये मटर की दाल
  • 30 रुपये मक्का का आटा
  • 30 रुपये चावल का आटा
  • 50 रुपये खेसारी की दाल
  • 100 रुपये चने का बेसन


होली पर्व को देखते हुए हमने सैंपल एकत्र करने के लिए टीम गठित कर दी है

होली पर्व को देखते हुए हमने सैंपल एकत्र करने के लिए टीम गठित कर दी है। इसके साथ ही हम जहां बेसन तैयार किया जाता है, वहां से भी नमूने लेकर प्रयोगशाला में भेज रहे हैं। अभी तक इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है। आने पर तुरंत कार्रवाई होगी।


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