Ghazipur: मुख्तार अंसारी और अतुल राय के अदावत से जिले की राजनीति गरमाई
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. कभी एक-दूसरे के दिल में रहने वाले दोस्त मुख्तार अंसारी और अतुल राय के बीच अदावत की खबर से जिले का सियासी पारा गरम हो गया है। जिले के दो विधानसभाओं की राजनीति की दिशा और दशा बदल गयी है।
मुख्तार अंसारी और अतुल राय के दोस्ती से मुहम्मदाबाद और जमानियां विधानसभा में राजनीतिक परिदृश्य बदल जाती थी। अतुल राय मुहम्मदाबाद विधानसभा में अंसारी बंधुओं का चुनाव में भरपुर मदद करते थे। जब वक्त अतुल राय का आया तो 2017 के विधानसभा चुनाव में अंसारी बंधुओं ने जमानियां विधानसभा में अतुल राय की भरपूर मदद किया जिससे मुस्लिम वोट हाथी पर चढ़ गये। चुनाव परिणाम आने के बाद अतुल राय भले ही चुनाव हार गये लेकिन इस विधानसभा की दिग्गज सपा नेता पूर्व मंत्री को तीसरे नम्बर पर ला दिया।
अतुल राय ने समाजवादी किले में सेंध लगाकर मुस्लिम मतदाताओं को अपने टाट पर बिठा दिया था। लोकसभा 2019 के चुनाव में अतुल राय और मुख्तार अंसारी के बीच मऊ लोकसभा क्षेत्र के दावेदारी को लेकर धीरे-धीरे मतभेद होने लगा। अतुल राय ने बसपा के शर्तों को पूरा करते हुए टिकट प्राप्त करने में सफलता प्राप्त किया लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान विरोधियों ने उन्हे चक्रव्यूह में फंसाकर जेल भेज दिया. अतुल राय के जेल में जाने के बाद उनका खेमा हताश और हार नही माना बल्कि उनके धर्म पत्नी के नेतृत्व में जबरदस्त मेहनत करके चुनाव लड़ा और लगभग दो लाख मतों से विजय प्राप्त की।
अतुल राय के सांसद बनते ही विरोधी खेमा परेशान हो गया और तरह-तरह के दांव चलने लगा। इसी बीच कल अतुल राय ने जेल से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मुख्तार अंसारी से अपनी जान को खतरा बताया। इस खबर से सियासी जगत में भुचाल आ गया। अंदर की बाते अब बाहर आ गयी थीं। अतुल राय और मुख्तार अंसारी के बीच अदावत की खबर से सियासी पारा गरम हो गया। राजनीतिक पंडित इस घटना पर चर्चा कर रहे है कि दो दोस्तों की दोस्ती टुटने से दोनों का नुकसान होता और तीसरे का होता है फायदा। अतुल राय की नाराजगी से अंसारी बंधुओं को मुहम्मदाबाद में और अतुल राय को जमानियां में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। अब नुकसान कितना होगा यह तो आने वाले समय में पता चलेगा।