मुख्तार अंसारी का बाराबंकी जिले में है काफी मजबूत नेटवर्क, जेलर हत्याकांड के शूटर से भी नजदीकी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बाराबंकी, पूर्वांचल का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले जिले में माफिया डान मुख्तार अंसारी का नेटवर्क काफी मजबूत है। हास्पिटल की संचालिका मऊ जिले की डा. अलका राय हैं और एंबुलेंस की आरसी में दर्ज मोबाइल नंबर भी मऊ के व्यक्ति का बताया जाता है। इतना ही नहीं बहुचर्चित जेलर हत्याकांड के बाराबंकी के रहने वाले शूटर को भी मुख्तार का करीबी बताया जाता है।
अब पेशी के दौरान बाराबंकी की एंबुलेंस के प्रयोग ने नेटवर्क की जड़ें गहरी होने की बात को और पुख्ता कर दिया है। फिटनेस वैधता और इंश्योरेंस समाप्त होने के बावजूद एंबुलेंस पांच साल तक कहां रही इसकी जानकारी परिवहन और स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं थी। उत्तर प्रदेश से एंबुलेंस पंजाब पहुंच गई, पर इसका कभी कहीं चालान नहीं हुआ। बताया यह भी जा रहा है कि एंबुलेंस को बुलेट प्रूफ बना दिया गया, यही कारण था कि इसे फिटनेस के लिए नहीं लाया गया। इन सबके अलावा फाइल के गुम हो जाने को भी मुख्तार के प्रभाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
शूटर बताया जा रहा करीबी : वर्ष 2006 में मुख्तार के शूटर कहे जाने वाले सफेदपोश की कोतवाली नगर में हिस्ट्रीशीटर खुली थी। हालांकि, 2011 से किसी प्रकरण में इसका नाम नहीं आया और अब वह कचहरी में वकालत रहा है। अभी इससे जुड़े छह और लोग पुलिस के रडार पर हैं।
केवल आरसी पर मिला हास्पिटल : श्याम संजीवनी हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के नाम से पंजीकृत एंबुलेंस का मामला जब से प्रकाश में आया है, पूरा प्रशासन इस हास्पिटल को तलाश रहा है। पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इसे नहीं तलाश सका, लेकिन परिवहन विभाग ने इसे खोज निकाला। यह अस्पताल केवल एंबुलेंस की आरसी पर दर्ज मात्र पाया गया, भौतिक रूप से इसका पता नहीं चल सका।
वायरल हो रही पोस्ट : मऊ अस्पताल की जिन अलका राय के नाम पंजीकृत बताया जा रहा है। उनसे संबंधित पोस्ट भी वायरल हो रही हैं, जिसमें उन्हें भाजपा महिला मोर्चा की नेता बताया जा रहा है। हालांकि, भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव ने ऐसी जानकारी होने से इन्कार किया है।
'प्रकरण मऊ, बनारस, बाराबंकी सहित कई जिलों से जुड़ा होने के कारण कुछ भी बोलना उचित नहीं है। हर बिंदु पर जांच की जा रही है। साक्ष्य और तथ्यों के आधार पर जरूरत पड़ी तो मुकदमा कराया जाएगा।' -यमुना प्रसाद, पुलिस अधीक्षक, बाराबंकी रिपोर्ट:[निरंकार]