Today Breaking News

फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में मुख्तार अंसारी को बड़ी राहत, मऊ की कोर्ट से जमानत मंजूर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. बांदा जेल की बैरक नम्बर 15 में बंद बहुजन समाज पार्टी के विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी को लगातार दूसरे दिन मऊ कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मऊ जिला जज की कोर्ट ने शस्त्र लाइसेंस के मामले में मुख्तार अंसारी को जमानत दे दी है। इस जमानत के मिलने बाद भी मुख्तार अंसारी को फिलहाल तो बांदा जेल में ही रहना होगा।

मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी को फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आज जमानत मिल गई है। फर्जी नाम-पता पर शस्त्र लाइसेंस देने की सिफारिश मामले में आरोपित सदर विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी शुक्रवार को जिला जज शंकरलाल ने स्वीकार कर लिया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश शंकरलाल ने एक-एक लाख के दो बंध पत्र व इसी धनराशि का मुचलका प्रस्तुत करने पर जमानत दे दी। कोर्ट ने शर्त रखा कि जमानत के दौरान विधायक इस मामले के साक्ष्य को न तो प्रभावित करेंगे व बिना अदालत की अनुमति के व मामले के निस्तारण तक देश छोड़कर बाहर नहीं जाएगा।


सदर विधायक ने लाइसेंस देने के लिए जिलाधिकारी से सिफारिश की थी, लेकिन इसकी जांच में लाइसेंसधारकों के नाम-पते फर्जी मिले ïथे। जिला जज ने यह आदेश मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दारोगा सिंह और डीजीसी फौजदारी राजेश सिंह राज के तर्कों को सुनने तथा केस डायरी देखने के बाद यह निर्णय पारित किया। मामला दक्षिणटोला थाना क्षेत्र का है। सदर विधायक ने अपने लेटर पैड पर चार लोगों को असलहे का लाइसेंस देने की सिफारिश जिलाधिकारी से की थी। इस आधार पर ही जिलाधिकारी ने शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत कर दिया था। इसके बाद में हुई जांच के दौरान जिन लोगों का लाइसेंस बना था उनके पते फर्जी पाए गए। इस पर दक्षिणटोला थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष परमानंद मिश्रा की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी। 


मुख्तार की जमानत को लेकर आधे घंटे तक अभियोजन व बचाव पक्ष में तीखी बहस हुई। इस दौरान सदर विधायक के विरुद्ध कोई कूटरचना व षड़यंत्र का साक्ष्य न पाने पर जिला जज शंकर लाल ने मुख्तार की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। अंसारी को एक-एक लाख के दो बंधपत्र व इसी धनराशि का मुचलका प्रस्तुत करने पर रिहा करने का आदेश दिया गया। इसके साथ ही आरोपी को इस मामले के साक्ष्य केा प्रभावित नहीं करने, बिना अदालत के अनुमति और मामले के निस्तारण तक देश छोड़कर बाहर नहीं जाने का भी आदेश दिया।


आरोप है कि मुख्तार अंसारी के लेटर पैड पर चार लोगों इसराइल अंसारी, अनवर सहजाद, सलीम व शाहआलम  के शस्त्र लाइसेंस की सिफारिश की गई थी। इस मामले में इनके पते फर्जी पाये जाने पर पांच जनवरी 2020 को दक्षिणटोला थाने में केस दर्ज कराया गया था। इसमें मुख्तार अंसारी को भी आरोपित किया गया था। इसी को लेकर शुक्रवार को जिला जज की कोर्ट में सुनवाई हुई। इस प्रकरण में मुख्तार अंसारी के पत्र पर सिफारिश के अलावा अन्य कोई भूमिका नही है। उन्होंने तर्क दिया कि इस मामले के आरोपितगण थाना प्रभारी जेके सिंह व लेखपाल की जमानत अर्जी पहले ही स्वीकृत हो चुकी है। विधायक के अधिवक्ता ने यह भी तर्क दिया कि आरोपित के विरुद्ध जो 41 मामले साक्ष्य रूप में दिए गए है। उनमें अधिकांश में वह दोषमुक्त व कुछ में फाइनल रिपोर्ट व स्पंज हो चुकी है। राजनीतिक द्वेषबस सभी गलत मामले अंकित है। जनपद न्यायाधीश ने अभियोजन व बचाव पक्ष के वकीलों के तर्कों को सुनकर व मामले में प्रस्तुत चार्जशीट का अवलोकन कर तथा आपराधिक इतिहास के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की नजीर का हवाला देते हुए तथा विधायक के विरुद्ध कोई षड़यंत्र का साक्ष्य न पाते हुए जमानत दे दी।


22 अप्रैल को आजमगढ़ गैंगस्टर कोर्ट में मुख्तार का पूरा गैंग मौजूद होगा

बांदा जेल में मुख्तार के पहुंचने के साथ ही आजमगढ़ पुलिस उसकी पेशी कराने को बेचैन हो गई है। मर्डर की जिस घटना के बाद मुख्तार उसके साथियों पर गैंगस्टर लगा था, उसमें 22 अप्रैल को रिमांड की तारीख कोर्ट में मुकर्रर है। उसमें गैंग के सभी सदस्य पहुंचेंगे, मुख्तार ही अनुपस्थित रहते थे। चूंकि अब मुख्तार यूपी के बांदा जेल में आ चुके हैं, इसलिए पुलिस चाह रही कि अबकी मुख्तार भी गैंगस्टर कोर्ट पेश हों।

'