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गोरखपुर में आक्सीजन के लिए मचा हाहाकार, अस्पतालों में 5 ने तोड़ा दम

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. पूरे प्रदेश की तरह गोरखपुर में भी ऑक्सीजन का संकट गहराने लगा है। इसी संकट की वजह से शुक्रवार को बड़हलगंज के दुर्गावती अस्पताल में तीन और शहर के डिग्निटी हॉस्पिटल में दो संक्रमितों की मौत हो गई। अस्पताल संचालकों का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते ये जानें गई हैं। हालांकि बाद में प्रशासन ने ऑक्सीजन सिलेण्डर मुहैया कराए लेकिन तब पांच जानें जा चुकी थीं। उधर, प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी से मौत होने से इनकार किया।

डिग्निटी हॉस्पिटल बशारतपुर के डॉ. नीरज ने बताया कि उनके अस्पताल में सुबह 7 बजे से 12 के बीच ऑक्सीजन खत्म होने से एक महिला और एक पुरुष की मौत हुई है। हॉस्पिटल में 42 मरीज भर्ती हैं। डीएम से गुहार लगाने पर दोपहर बाद किसी तरह से मेडिकल कॉलेज से 20 ऑक्सीजन सिलेंडर दिलाए गए हैं। पर यह भी ज्यादा देर नहीं चल पाएगी। डॉ. नीरज ने बताया कि उन्हें प्रतिदिन 160 ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है। अगर इतनी आपूर्ति हो स्थिति ठीक रहेगी।


वहीं दुर्गावती अस्पताल बड़हलगंज के निदेशक डॉ. मनोज यादव ने बताया कि कोविड के लिए 40 बेड है। वर्तमान समय में 26 मरीज भर्ती हैं। उनके लिए 80 से 90 सिलेण्डर ऑक्सीजन की रोज आवश्यकता है। गुरुवार को प्रशासन ने दो बार में 30 सिलेंडर भेजे जिनमें सात खाली थे। यह सिलेंडर लगाने के बाद सिर्फ एक बैकअप में बचा था। शुक्रवार दोपहर 12 बजे ऑक्सीजन खत्म हो गई। इस बीच तीन मरीजों की मौत हो गई। इसके बाद प्रशासन ने 2 बजे 40 सिलेंडर भिजवाया और शाम तक 40 सिलेंडर और भेजवाने का भरोसा दिलाया है।


मौतों का होना दुखद है। ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई है। नेचुरल मृत्यु है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा डिमांड के बाद एसडीएम को लगाकर निजी वाहन से सिलेण्डर भेजवा दिया गया था। हां ये जरूर है कि डिमांड अचानक से ज्यादा हो गई है। थोड़ी दिक्कत आ रही है लेकिन हर जगह सिलेण्डर पहुंचाना सुनिश्चित कराया जा रहा है।- के. विजयेन्द्र पाण्डियन, जिलाधिकारी


ऑक्सीजन की कहीं से कोई कमी नहीं है। स्थिति नियंत्रण में है। कुछ निजी अस्पतालों ने ऑक्सीजन को व्यक्तिगत मरीजों को दे दिया था। इससे गड़बड़ी हो गई। बड़हलगंज में निजी अस्पताल को सीएचसी से ऑक्सीजन मुहैया कराई गई। किसी मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है।-डॉ. सुधाकर पाण्डेय, सीएमओ


आक्सीजन का उत्पादन रोजाना 1600 से 1800 के बीच है। डिमांड 3200 की है। ऐसे में दिक्क्त तो आ रही है। बावजूद हमारी पूरी टीम आक्सीजन प्लांट पर कैंप कर रही है। परेशानी जरूर है लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही समस्या से निजात पा लेंगे।-जयंत नार्लीकर, कमिश्नर

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