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Ghazipur: मरीजों को बेड चाहिए, पीएम-सीएम अर्थव्यवस्था में उलझे : पूर्व कैबिनेट मंत्री ओपी सिंह

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. देश में बढ़ते कोरेाना के संक्रमण और इलाज की दुश्वारियों के बीच विपक्षीदलों ने सरकारों को कटघरे में खड़ा किया है। बुधवार को पूर्व सांसद ओमप्रकाश सिंह ने प्रदेश और केंद्र की सरकार पर जनता की जान से खिलवाड़ का आरोप लगाया है। पीएमओ और सीएमओ से महज कागजी आदेश जारी हो रहे हैं मगर अस्पतालों में दवाओं और इलाज की सप्लाई नहीं करने की जा रही। हर ओर त्राहिमाम मचा और सत्तादल के लोग महज चुनाव पर फोकस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आक्सीजन और दवाओं के अभाव में मरने वालों की सामान्य मौत नहीं, हत्या है और इसके लिए जिम्मेदार सिस्टम को माफ नहीं किया जा सकता।

बुधवार को गाजीपुर में पत्रकारों के बीच पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने बंगाल चुनाव में भाजपा की रैलियों पर सबसे पहले निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब बिहार और यूपी में चार चरण में चुनाव हो सकता था तो फिर बंगाल में इतने अधिक आठ चरणों में चुनाव आखिर क्यों कराए जा रहे हैं। देश के इतने बदतर हालात में पीएम मोदी और भाजपा नेता रैलियों में भीड़ जुटा रहे हैं जो संवदेनहीनता का प्रमाण है। इतिहास गवाह है कि जब प्रजा पर आंच आई तो राजा ने जान की बाजी लगा दी लेकिन पहली बार देश का राजा ही प्रजा की जान लेने का आरोपी है।


पूर्व मंत्री ओपी सिंह ने वाराणसी में मां के कदमों में जान गवांने वाले बेटे की वायरल तस्वीर का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि देश के राजा प्रजा की जान की चिंता भी नहीं। एम्स, बीएचयू, जिला अस्पताल और मंडलीय अस्पताल के गेट पर इलाज के अभाव में लोग जान गवां रहे हैं और सब हाथ पर हाथ रखे हैं। बीएचयू को कोविड घोषित करते हुए 90 फीसदी बेड को कोरोना मरीजों को दे देना चाहिए। कैंपस में हजारों कमरे, हॉल, मैदान को इलाज के लिए उपयोग में लाना चाहिए। पूर्वांचल में सैकड़ों स्कूल, कालेज, शोध संस्थानों को इमरजेंसी में अस्पताल में कनवर्ट करने में सझम हैं उन्हें तत्काल तौर पर अधिग्रहण कर बीमारों को इलाज देना चाहिए। सरकार को बौद्धिक विकास की जरूरत है और तभी देश सुरक्षित रहेगा।


इस दौरान ओपी सिंह के अलावा प्रतिनिधि मन्नू सिंह, अनिल यादव, दुर्गा चौरसिया, प्रमोद यादव आदि कई नेता और स्थानीय लोग मौजूद रहै।


पीएम केयरफंड का हिसाब दें सरकार

पूर्व सांसद ओपी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना के दौरान पीएम और सीएम केयर फंड में बेहिसाब रुपयों का हिसाब दें। जब आक्सीजन और रेडमेसिविर इंजेक्शन नहीं दे सकते तो फिर यह जनता से फंड क्यों लिया। आखिर इतना समय मिलने के बाद भी अस्पतालों में इंतजाम नहीं होना सिस्टम की विफलता की निशानी है। अभी भी देश की जनता को बचा लें, जब ये ही नहीं रहेंगे तो पीएम और सीएम शासन किस पर करेंगे।

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