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कोरोना पीड़ि‍त महिला ने घर में तोड़ा दम, गुहार लगाती रही बेटी, 18 घंटे बाद हो पाया अंतिम संस्‍कार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. कोरोना से संक्रमित 55 वर्षीय सुनीता पाण्डेय ने गुरुवार की शाम 6 बजे अपने किराए के आवास अलीनगर में दम तोड़ दिया। घर में सिर्फ बुजुर्ग मकान मालिक कृष्ण मुरारी गुप्ता और सुनीता की बेटी थी। ऐसे में उन्हें अंतिम संस्कार के लिए राजघाट ले जाने वाला कोई नहीं था। लेकिन वाराणसी के अभिषेक राज ने किसी से जानकारी मिलने पर शुक्रवार की सुबह 11.09 बजे ट्वीट किया। इसका संज्ञान लेते हुए एक चैनल की एंकर ने कोट्स ट्वीट कर मदद मांगी। उसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय सक्रिय हुआ।

निर्देश के बाद नगर आयुक्त अविनाश कुमार ने शुक्रवार की दोपहर दो बजे घर से शव को उठवा कर राजघाट पहुंचाया जहां हिन्दू रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार हुआ। रोमाना के ट्वीट को 25 रिट्वीट और 7 कोट्स ट्वीट मिले। मकान मालिक कृष्णमुरारी गुप्ता की बेटी गरिमा ने 'हिन्दुस्तान' को बताया कि सुनीता पाण्डेय उनके अकेले पिता के घर में किराए पर रहती थीं। उनके लिए कुक का भी काम करती थीं। सुनीता के साथ उनकी बेटी रहती है। उन दोनों के अलावा और कोई नहीं है। दो दिन पहले पता चला कि सुनीता कोरोना संक्रमित हैं। किसी अस्पताल में बेड नहीं मिला तो घर में ही दवा शुरू की गई। इस दौरान गुरुवार की शाम उनकी मौत हो गई।


गरिमा की गोरखपुर में ही ससुराल है। कहती हैं कि उन्होंने पुलिस से लेकर सभी जगह गुहार लगाई लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली। ट्वीट करने के बाद कुछ लोगों ने कॉल किया। फिलहाल सीएम कार्यालय से निर्देश आने के बाद नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने तत्काल प्रवर्तन दल के अधिकारी कर्नल सीपी सिंह को निर्देश दिया। उन्होंने अपनी टीम के साथ महिला का पूरा सहयोग करते हुए हिंदू रीति रिवाज के अनुसार उनका दाह संस्कार भी करवाया।


रात एक बजे निगम कर्मियों ने कराया अंतिम संस्कार

गुरुवार की रात 1 बजे पैनेसिया हास्पिटल में कोरोना संक्रमित एक मरीज की मौत होने पर सीओ गोरखनाथ, प्रशासन एवं महापौर सीताराम जायसवाल ने नगर आयुक्त को कॉल कर तत्काल दाह संस्कार कराने की मांग की। नगर आयुक्त ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश रस्तोगी को तत्काल दाह संस्कार कराए जाने का निर्देश दिया। बाबा मुक्तेश्वर नाथ मुक्तिधाम पर मौजूद कर्मचारी महेश एवं शाहिद सहानी ने हिन्दू रितिरिवाजों से दाहसंस्कार सम्पन्न कराया गया। पुरस्कार स्वरूप नगर आयुक्त ने 5001 रुपये का पुरस्कार कर्मियों को दिया।

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