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Ghazipur: कोरोना महामारी को रोकने के लिए बढ़ाए गए मेडिकल सुविधाएं और संसाधन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. कोरोना की दूसरी लहर के बाद मरीजों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ने लगी कि शासन-प्रशासन को मेडिकल सुविधाएं व संसाधन बढ़ाने पड़े। जिला अस्पताल मरीजों से भर गया तो फिर प्रशासन ने निजी अस्पतालों की ओर अपना ध्यान आकृष्ट किया। 

आनन-फानन 14 निजी अस्पतालों को अधिग्रहित कर लिया गया और उन्हें कोविड अस्पताल बना दिया गया। फिलहाल इसमें से केवल एक निजी अस्पताल का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा आक्सीजन सिलेंडर बढ़ाने के साथ आक्सीजन प्लांट भी स्थापित किया गया। कोविड हास्पिटल बने निजी अस्पताल


शम्मे गौसिया मेडिकल कालेज सहेड़ी में 107, सिंह लाइफ केयर हास्पिटल रौजा में 100, गुडविल हास्पिटल आमघाट में 25, व‌र्ल्ड ग्रीन सैदपुर में 100, केएसबी आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज सादात में 100, माता सरस्वती सेवा संस्थान मरदह में 150, आर एस हास्पिटल देवा दुल्लहपुर में 150, धनरावती हास्पिटल जखनियां में 25 के साथ ही जिला अस्पताल में 50, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सादात में 30, सीएचसी मुहम्मदाबाद में 30, सीएचसी भदौरा में 30, सीएचसी सैदपुर में 30 और सीएचसी खानपुर में 30 बेड का कोविड-19 एल-2 हास्पिटल बनाया गया है।


बढ़ाए गए संसाधन

- जिला अस्पताल में अधूरे आक्सीजन प्लांट को पूरा किया गया।

- 40 कंसंट्रेटर की जगह 100 आक्सीजन कंसंट्रेटर मंगाए गए।

- जिला अस्पताल में मेडिकल स्टाफ बढ़ाए गए।

- एक सिलेंडर से छह लोगों को आक्सीजन देने की बनाई गई व्यवस्था।

- यूथ रुरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन की ओर से मेडिकल उपकरणों से सुसज्जित बस व एंबुलेंस मिली।

- ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना जांच के लिए हर ब्लाक में चार-चार मोबाइल टीमें बनाई गईं।

- 14 निजी अस्पतालों को कोविड-19 हास्पिटल बनाया गया।


कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने के लिए एक अप्रैल के बाद काफी मेडिकल संसाधन बढ़ाए गए। इसका परिणाम सुखद रहा। जिला अस्पताल व सहेड़ी अस्पताल में बेड व आक्सीजन की कमी अब नहीं है।- डा. उमेश कुमार, एसीएमओ।

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