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मुख्तार अंसारी गैंग पर जेल के अंदर दूसरा बड़ा हमला, मुख्तार का परिवार भी सहमा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. पूर्वांचल में वैसे तो माफिया मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह गैंग के खिलाफ पिछले तीन दशक से गैंगवार चल रहा है। इस गैंगवार में अब तक दर्जनों बदमाशों के साथ ही कई निर्दोष लोग भी मारे जा चुके हैं। मुख्तार और ब्रजेश सिंह के बीच भी गोलीबारी हुई, जिसमें मुख्तार बाल-बाल बचा था। ये सभी गैंगवार जेल के बाहर ही हुए। पिछले तीन साल में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब जेल के अंदर गैंगवार हुई है। 2018 में बागपत जेल में मुख्तार के बेहद करीबी कुख्यात गैंगस्टर प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब चित्रकूट जेल में मुख्तार के एक और करीबी मेराज अहमद उर्फ भाई मेराज की गोली मारकर हत्या हुई है। इस हत्याकांड के बाद मुख्तार अंसारी का परिवार भी सहम गया है। 

बताया जाता है कि मेराज की नजदीकी मुन्ना बजरंगी से ज्यादा थी। जुलाई 2018 में मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या के बाद उसका गैंग सभालने की जब चर्चा शुरू हुई तो सबसे पहला नाम मेराज का ही आया था। मूल रुप से गाजीपुर निवासी मेराज बनारस के जैतपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर था। बनारस में उसे मेराज भाई नाम से जाना जाता था। पुलिस की मानें तो गैंग के लिए असलहों का इंतजाम मेराज के ही जिम्मे था। वह फर्जी दस्तावेजों पर असलहों का लाइसेंस बनवाने का मास्टरमाइंड था। पिछले साल अक्टूबर में जैतपुरा पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। छानबीन में फर्जी तरीके से बनवाए गए नौ लाइसेंसी पिस्टल और रायफल की जानकारी हुई थी। साल 2015 में मुन्ना बजरंगी के खास तारिक की लखनऊ में गोली मारकर हत्या की गई। तारिक के घर से पुलिस को लाइसेंस रायफल बरामद हुई, जो बाद में फर्जी पाई गई। बताया जा रहा है कि इस रायफल का लाइसेंस भी मेराज ने ही नागालैंड से बनवाया था।


मुख्तार अंसारी का परिवार सहमा

चित्रकूट जेल में गैंगवार के बाद मुख्तार अंसारी का परिवार भी सहम गया है। मुख्तार के बड़े भाई और सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि जेल के भीतर गैंगवार पहली बार सुन रहा हूं। खेत में, गलियों में और सड़कों पर गैंगवार सुनी है लेकिन जेल के भीतर इस तरह की बात पहली बार सुन रहा हूं। ऐसा कहा जाता है कि यूपी में जेल की व्यवस्थाएं चाक चौबंद हैं बावजूद इस तरह की घटनाएं होने से डर का माहौल पैदा हो जाता है।

मुख्तार की सुरक्षा को लेकर अफजाल ने कहा कि खुद मुख्तार ही हमेशा पेशी के दौरान और वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान सुरक्षा की गुहार लगाते रहते हैं। जाहिर सी बात है। सुरक्षा को लेकर तो वह खुद ही कई बार बोल चुके हैं। अफजाल ने कहा कि आज तो ईद का त्यौहार है। सुबह से ही लोग घर पर मिलने के लिए आ रहे हैं। सरकार दावा करती है कि जेलों की सुरक्षा दुरुस्त है लेकिन इस तरह की घटनाएं व्यवस्था की पोल खोलती हैं।


मेराज के घर जुटे लोग

जेल में मेराज की हत्‍या की जानकारी होने के बाद काफी संख्‍या में लोग अशोक विहार कालोनी फेज-1 स्थित मेराज के घर पहुंचे। ईद के दिन हुई हत्‍या ही यहां चर्चा का विषय बनी रही। मेराज अहमद पर फर्जी तरीके से पिस्टल का लाइसेंस का नवीनीकरण कराने के आरोप में पांच सितंबर 2020 को जैतपुरा थाना प्रभारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ था। तीन अक्टूबर 2020 को आरोपित मेराज ने जैतपुरा थाना क्षेत्र के सरैया चौकी में जाकर समर्पण कर दिया था। जिसके बाद से जिला कारागार में निरुद्ध था। मेराज अहमद को जिला कारागार वाराणसी से चित्रकूट भेजा गया था।

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