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स्वामी आनंद गिरी निरंजनी अखाड़े से निष्कासित, अखाड़े की परंपरा का तोड़ने का आरोप

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने निरंजनी अखाड़ा,बड़े हनुमान मंदिर के छोटे महंत और योगगुरु स्वामी आनंद गिरि को बाघम्बरी मठ,निरंजनी अखाड़े से निष्कासित कर दिया है। अखाड़ा परिषद ने बकयदा प्रेस रिलीज जारी कर इस बात की जानकारी मीडिया को दी है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य योगगुरु स्वामी आनंद गिरि है। प्रेस रिलीज के जरिए आनंद गिरि पर सनातनी परंपरा के विपरीत काम करने का आरोप लगा है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महंत अध्य्क्ष महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य के वजह से योगगुरु को अखाड़े के सबसे मजबूत कहा जाता था। बता दें कुछ दिन से गुरु, शिष्य के बीच में कुछ मनमुटाव की बातें सामने आई। हालांकि किसी प्रकार का विवाद पर कभी ना ही महंत नरेंद्र गिरि ने योगगुरु के खिलाफ बोला और न ही स्वामी आनंद गिरि ने कभी महंत नरेंद्र गिरि पर किसी प्रकार का बयान दिया।


अखाड़े की परंपरा का तोड़ने का आरोप

हरिद्वार में संन्यास परंपरा के तोड़ने की वजह से पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की कार्यकारिणी ने संत आनंद गिरि को अखाड़ा से निकल दिया है। महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि योगगुरु ने नासिक, उज्जैन, प्रयागराज और हरिद्वार कुम्भ में अपने पूरे परिवार को बुलाया था। जबकि अखाड़े की परंपरा के अनुसार परिवार से सम्बंध नहीं रखा जा सकता है। एक माह पहले दी गई चेतावनी के बाद भी जब ये नहीं माने तो महंत ने पहले बाघम्बरी मठ से हटाया उसके बाद शुक्रवार को अखाड़े से निष्कासन की कार्रवाई की गई है। अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने बताया अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का पंच परमेश्वरों को पत्र मिला मिला और इस पत्र में संत आनंद गिरि के संन्यास परंपरा के उल्लंघन की बात की गई।


योग गुरु आनंद गिरी ने कही ये बात

योग गुरु आनंद गिरि पर हुई इस कार्रवाई पर जब गाजीपुर न्यूज़ टीम ने उनसे बात की तो आनंद गिरि ने बताया की महंत नरेंद्र गिरि ने जो भी डिसीजन लिया होगा सोच समझ कर लिया होगा और महाराज ने कहा महाराज नरेंद्र गिरी मेरे गुरु हैं और हमेशा मेरे गुरु रहेंगे। आपको बता दें इस समय योग गुरु आनंद गिरि हरिद्वार में है। आनंद गिरी पर आरोप है कि बाघम्बरी गद्दी और मंदिर से अर्जित धन घर भेजते थे।पंच परमेश्वर की जांच में दोनों आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई किया गया।

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