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शादी की फरियाद लेकर डीएम की चौखट पर पहुंचा दूल्हा, अधिकारियों की बात सुनकर फूट-फूटकर रोया

गाजीपुर न्यूज़ टीम, महोबा. बारात में घोड़ी चढ़ने की इच्छा का गांव वाले कहीं अनुसूचित जाति का होने की वजह से विरोध नहीं कर दें, इस आशंका मात्र पर पुलिस से 80 ग्रामीणों का पाबंद कराने वाला अलखराम शुक्रवार को तहसील सभागार में फूट-फूट कर रोया। अधिकारियों के कहने पर नाबालिग लड़की के एक साल बाद बालिग होने पर शादी करने की बात लिखित देते उसकी आंखें नम हो गईं। महोबकंठ के माधवगंज गांव निवासी अलखराम और लड़की पक्ष के लोग तहसील के बाद कलेक्ट्रेट भी पहुंचे। डीएम ने भी लड़की के शैक्षिक प्रमाण पत्र देखे और कहा कि बाल विवाह अपराध है। 

यह है मामला: अलखराम की शादी क्षेत्र के ही बीहट गांव की लड़की के साथ 18 जून को होनी थी। अलखराम ने मई में इंटरनेट मीडिया पर अपना वीडियो वायरल कर दिया। इसमें कहा, वह घोड़ी पर बैठकर बरात लेकर जाना चाहता है, मगर अनुसूचित जाति होने के चलते गांव वाले विरोध कर सकते हैं। इसके बाद उसने थाने में तहरीर देकर सुरक्षा की मांग की। पुलिस ने गांव के 80 लोगों को शांतिभंग की आशंका पर पाबंद कर दिया। ग्रामीण कहते रह गए कि कभी भी अनुसूचित जाति के लोगों को घोड़ी पर बैठने से नहीं रोका तो यह नया विवाद क्यों पैदा किया जा रहा है। मामले नया मोड़ तब आ गया जब लड़की के नाबालिग होने की बात मीडिया में सामने आई। अलखराम ने भी इसे स्वीकारा और कहा कि वह शादी अभी नहीं करेगा। 


विवश होकर डीएम की चौखट पर पहुंचा अलखराम: दोपहर करीब 12 बजे तहसील सभागार में अधिकारियों के समक्ष अलखराम स्वजन के साथ पहुंचा। लड़की पक्ष के लोग भी आ गए। अधिकारियों ने लड़की का आधार कार्ड और शैक्षिक प्रमाणपत्र देखे। एसडीएम ने कहा, लड़की नाबालिग है फिर भी शादी करने जा रहे थे। लड़की के पिता को भी समझाया कि एक साल तक इसकी शादी नहीं करोगे। अलखराम से कहा, इस लड़की से शादी करनी है तो अभी नहीं, एक साल बाद करना। अलखराम कुछ बोला नहीं और सुबकने लगा।


इस बात पर रोया अलखराम: अधिकारियों ने कागज देकर कहा कि इसमें लिखो और अपने हस्ताक्षर करो। हस्ताक्षर करते ही अलखराम कुर्सी से उठा और सभागार के कोने में जाकर फूट-फूटकर रो पड़ा। अधिकारियों ने उसे ढांढ़स बंधाया और कहा कि एक साल की ही बात है। अभी जबरन शादी करोगे तो जेल जाओगे। तहसील के बाद दोनों पक्ष डीएम सत्येंद्र कुमार के समक्ष पेश हुए। डीएम ने शैक्षिक प्रमाण पत्र देखे, जिसके अनुसार लड़की नाबालिग है। आधार में भी जन्मतिथि आठ जून 2004 जन्मतिथि लिखी है। डीएम ने बताया कि बाल विवाह नहीं करने की बात पर दोनों पक्ष को समझा दिया गया है। उनसे लिखित भी लिया गया है कि वे अभी शादी नहीं करेंगे। डीएम ने बताया कि एक संस्था ने चाइल्ड लाइन में भी शिकायत दर्ज कराई है। जांच जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को सौंपी गई है। 

 
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