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बलिया में दलदली जमीन पर 45 किमी की रफ्तार से दौडऩे लगी ट्रेन, रेलवे ने कई तरह का किया प्रयोग

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. बलिया से छपरा रेल खंड पर बांसडीह रोड के पास करीब एक किलोमीटर के दायरे में फैली दलदल भूमि से ट्रेनों के गुजरते ही यात्रियों की सांसें अटक सी जाती थीं। कारण कि यहां की जमीन दलदल है। पटरियां ट्रेन का लोड झेल नहीं पाती थीं। 

इसलिए यहां आकर हर ट्रेन सिर्फ 10 किलोमीटर की अधिकतम रफ्तार से चला करती थी। लेकिन एक माह पहले बलिया से बांसडीह रोड के बीच पिलर संख्या 60 के पास दलदली रेलवे ट्रैक को दुरुस्त करने का कार्य पूरा हुआ है। करीब एक किमी क्षेत्र की काली मिट्टी हटाई गई। 


यहां नई मिट्टी, गिट्टी, बजड़ी व रॉबिस डालकर दोहरीकरण कार्य पूरा किया गया है। एक नई लाइन तैयार कर ली गई है। मजबूत पत्थर डालकर इसे ट्रेन का हैवी लोड झेलने के काबिल बनाया गया है। अब यहां पर ट्रेनें प्रति घंटा 45 किलोमीटर की रफ्तार से दौडऩे लगीं हैं। रेलवे के इस प्रयास से रेल यात्रियाें को अब सफर से काफी सुविधा होगी।


बारिश में ट्रैक के नीेचे से खिसक गई थी मिट्टी

सितंबर 2019 में रघुनाथपुर गांव के पास बारिश के चलते ट्रैक के नीचे से मिट्टी खिसक गई थी। इसके चलते सद्भावना एक्सप्रेस के गुजरते समय रेलवे ट्रैक धंस गया था। कई ट्रेनों का रूट डायवर्ट करना पड़ा। चूंकि ट्रैक के दोनों तरफ पानी लगा हुआ है, इस घटना के बाद रेलवे ने दोहरीकरण कार्य शुरू किया, जो अब पूरा कर लिया गया है। सभी ट्रेनें अब इसी नए ट्रैक से गुजारी जाने लगीं हैं। जर्जर ट्रैक की भी मरम्मत की जा रही है।


ट्रैक को दुरुस्त करने में दो साल का समय लगा

कई चरणों में काम चला। ट्रैक को दुरुस्त करने में दो साल का समय लगा है। इसे और बेहतर करने के प्रयास चल रहा है। कोशिश है कि दलदल वाले हिस्से में ट्रेनें अच्छी रफ्तार से चलाईं जाएं।-रोहित नंदन, अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड, रेलवे।

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