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जिसका कोई गुरु नहीं, उसका जीवन शुरू नहीं : महंत शत्रुघ्न

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सतनामी मठ भुड़कुड़ा में शनिवार को महंत शत्रुघ्न दास की अध्यक्षता में गुरु पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में दूर-दूर से आये श्रद्धालुओं ने शामिल होकर गुरु पूजन कर आशीर्वाद लिया। सुबह से सैकड़ों की संख्या में पहुंचे भक्तों ने गुरु से आशीर्वाद प्राप्त कर विधि पूर्वक गुरू का पूजन किया।

अपने संदेश में महंथ शत्रुघ्नदास ने श्रद्धालुओं को गुरु पूर्णिमा का महत्व बताते हुए कहा कि गुरु के बिना जीवन अधूरा है।आज के दिन जो भी भक्त गुरु के चरणों में पहुंचता है वह पूरे वर्ष का महत्व है।उन्होंने कहा कि गुरु के चरणों में जाने वाले भक्तों पर भगवान सदा अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।जीवन का उद्देश्य मोक्ष है और हर परिस्थिति में रहते हुए इसे ही पाने का प्रयास करना चाहिए।


कोरोना काल में सभी घर में रहे तथा स्वस्थ रहें।कोरोना के चलते कार्यक्रम के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए विशेष तौर पर भक्तों द्वारा व्यवस्था की गई थी।कार्यक्रम में पहुंचे भक्तों को कथा का रसपान कराए जाने के साथ  गुरु पूर्णिमा का महत्व बताया। इस दौरान भंडारा लगाया गया, जिसमें पहुंचे भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। 


मौके पर मौजूद मातृभूमि जखनियां संरक्षक नीरज सिंह ने भी गुरु की महिमा बताते हुए कहा कि तन स्थित अरबों अन्धकार से भरी नाड़ियाँ, ग्रंथियां गुरुदृष्टि से प्रकाशित होकर, जन्म-जन्म की गन्दगी, विकार एवं अन्धकार नष्ट हो जाते हैं।जिला संगठन आयुक्त अरविन्द यादव ने गुरु की महिमा पर संक्षिप्त रुप से प्रकाश डालते हुए कहा की माता-पिता और सदगुरू ये तीनों जगत के जीते-जागते देवता हैं। जिनका विश्वरूपी शरीर हमारे लिए बाबा विश्वनाथ की तरह पूज्यनीय है। इनकी शरण में आकर सारी आपदाएं, तकलीफ, दुष्टता, द्वेष-दुर्भावना दूर हो जाती हैं।


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