बलिया में बारूद की बदौलत ब्लॉक प्रमुख की राह पर 'उम्मीदों' को प्रशासन ने किया 'जिलाबदर'
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. विकास खंड सोहाव की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। दरअसल विजय सिंह बागी को प्रशासन ने जिलाबदर कर दिया है। नरही, क्षेत्र पंचायत सोहांव के प्रमुख प्रत्याशी उषा सिंह के समर्थक विजय सिंह बागी पर प्रशासन ने आजिज आकर बड़ी कार्यवाही की है।
चुनाव से महज तीन दिन पहले विजय सिंह बागी को जिला प्रशासन ने जिला बदर कर दिया। दरअसल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले नरही थाना क्षेत्र के पिपरा कला गांव में रात्रि के अंधेरे में बारूद के धुंए से गलियां महक उठी थीं। इस घटना में 60 वर्षीय विक्रमा सिंह बुरी तरह से घायल हो गए थे, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए ट्रामा सेंटर वाराणसी में एडमिट कराया गया था। इस घटना के बाद पुलिसिया कार्यवाही में बीडीसी प्रत्याशी उषा सिंह के समर्थक विजय सिंह बागी को जेल भेजा गया था। जेल से ही रणनीतिकार विजय सिंह ने अपने मनपसंद प्रधान को चुनाव जितवाया तो वहीं बीडीसी प्रत्याशी उषा सिंह भी विजयी रहीं।
सोहांव ब्लाक के प्रमुख पद के लिए उषा सिंह की दावेदारी विजय सिंह ने ठोंकी तो स्थानीय राजनीति में प्रयागराज छात्र संघ की राजनीति करने वाला विजय सिंह बागी खटकने लगा। पिछले दिनों भाजपा की ओर से समर्थित प्रत्याशी उमेश सिंह से तकरार भी हुई। बागी के ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने उसकी कुंडली खंगाली तो इलाहाबाद से लेकर बलिया तक दर्जनों मामले निकले। जिसके कारण पुलिस ने उसे जिलाबदर कर दिया है।
अभी तक सपा से निवर्तमान प्रमुख भागमनी देवी के पति बंशीधर यादव ,भाजपा के तरफ से उमेश प्रताप सिंह तो निर्दल प्रत्याशी के तौर पर उषा सिंह चुनाव मैदान में हैं। एक तरह से देखा जाए तो 83 मेम्बरों वाली सोहांव क्षेत्र पंचायत पर परचम लहराने की स्थिति में विजय सिंह बागी के समर्थित प्रत्याशी उषा सिंह को एक बड़ा झटका तब लगा जब जिलाप्रशासन ने विजय सिंह बागी को तड़ीपार का फरमान जारी किया। अब इस दशा में देखना होगा कि क्षेत्र पंचायत सोहांव की कुर्सी पर निर्दलीय का कब्जा होता है या किसी दल से समर्थित उमीदवार का।