Today Breaking News

बुआ के लिए भतीजे ने रचा चक्रव्यूह, सपा के निशाने पर बसपा के साइलेंट वोटर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मायावती और अखिलेश चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं। दोनों एक दूसरे पर सियासी वार कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2019 की कड़वी यादों को 'बुआ-भतीजे' याद भी नहीं करना चाहते हैं।

फिलहाल, बुआ ने ब्राह्मण कार्ड चलकर भतीजे समेत सभी विपक्षी पार्टियों को जोरदार पटखनी लगाई है। वहीं 'भतीजे' अखिलेश ने बुआ की घेराबंदी करने के लिए चक्रव्यूह की रचना की है। अखिलेश 'बुआ' मायावती के उस साइलेंट वोटर में सेंध लगाने की योजना बना रहे हैं, जो कई दशकों से बुआ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।


यूपी की राजनीति जातीय समीकण पर आधारित है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ब्राह्मण वोट बैंक को साधने के लिए प्रबुद्ध वर्ग गोष्ठी (ब्राह्मण सम्मेलन) का आयोजन कर रही हैं। बीएसपी खुद को ब्राह्मणों का सबसे बड़ा हितैषी बता रही है और 2007 के विधानसभा चुनावी मॉडल की याद दिला रही है। बीएसपी के एक दांव से विपक्षी पार्टियां बैकफुट पर है। लेकिन एसपी मुखिया अखिलेश यादव ने बीएसपी सुप्रीमों को घेरने के लिए योजना तैयार की है।


ब्राह्मण नेताओं की दी गई गई जिम्मेदारी

एसपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी के कार्यकर्ता ब्लाक और बूथ स्तर पर रणनीति के तहत कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विधानसभा, ब्लॉक और बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई हैं। कानपुर में पार्टी के ब्राह्मण नेता विधायक अमिताभ वाजपेई, पूर्व विधायक मुनींद्र शुक्ला, पूर्व जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश मिश्रा समेत दर्जनों नेताओं को ब्राह्मण वोटरों से संपर्क कर उनको पार्टी के पक्ष लाने के जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। ब्राह्मण वोटरों को बीजेपी की जनविरोधी रणनीतियों से अवगत कराना है। इसके साथ ही बताना है कि यूपी का ब्राह्मण क्यों नाराज है।


बहकावे में ना आएं ब्राह्मण

एसपी के कार्यकर्ता ब्राह्मण वोटरों को बीएसपी के बहकावे में नहीं आने की अपील कर रहे हैं। ब्राह्मण वोटरों को बताया जा रहा है कि बीएसपी सिर्फ अपने स्‍वार्थ के लिए ब्राह्मण सम्मेलन करा रही है। चुनाव के वक्त बीएसपी को ब्राह्मणों की याद आई है। बिकरू कांड के एक साल बाद खुशी दुबे की याद आई है।


एसपी के निशाने पर बीएसपी का साइलेंट वोटर

एसपी नेता ने बताया कि बीएसपी का पूरा फोकस ब्राह्मण वोटरों को साधने में है। लेकिन हमारी नजर बीएसपी के उस साइलेंट वोटर पर भी है, जो पिछले कई दशकों से बीएसपी के साथ है। इस साइलेंट वोटर में भी असंतोष की स्थिति है। इस साइलेंट वोटर की युवा पीढ़ी बीएसपी से संतुष्ट नहीं हैं। इस युवा पीढ़ी का झुकाव अखिलेश यादव की तरफ। हम इसी वोटर को झटकने की तैयारी में है। बीएसपी में यह सबसे बड़ी सेंधमारी होगी।

'