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गाजीपुर जिले में बाढ़ः गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, पीड़ितों को राहत सामग्री का इंतजार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गंगा के बाढ़ से गाजीपुर के पांच तहसीलों के कुल 32 गांव प्रभावित हैं। करीब 1500 परिवारों के 6460 लोग पीड़ित हैं। जो प्रभावित क्षेत्रों से पलायन कर सुरक्षित इलाकों में अपने परिवार और पशुओं के साथ गुजारा कर रहे हैं। प्रशासनिक इंतजाम की स्थिति यह है कि अधिकांश तहसीलों में राहत सामग्री, पशुओं के चारा और सभी प्रभावित गांवों को नाव नहीं मिल पाया है। जिले के सबसे प्रभावित तहसील जमानिया और सेवराई हैं।

जहां अभी बाढ़ पीड़ितों की सूची तैयार करने का काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार से दोनों तहसीलों में राहत सामग्री का वितरण शुरू हो जाएगा। वहीं, सैदपुर तहसील के गौरहट गांव में बुधवार को 180 परिवारों को राहत सामग्री का वितरण किया गया। बृहस्पतिवार को यहां के तेतारपुर में राहत सामग्री वितरण करने की तैयारी है।

इधर जानवरों को चारे को लेकर लोग काफी परेशान दिख रहे हैं। प्रशासन ने इसको लेकर भी अपनी तैयारियां कर रहा है। गावों में प्रभावित लोगों तक दवाओं का वितरण एवं छिड़काव भी स्वास्थ्य महकमा की तरफ से किया जाना है जिसको लेकर भी कोई खास तेजी नहीं दिख रही है। पशुपालन विभाग की तरफ से पशुओं के टीकाकरण के प्रयास तेज किए गये हैं। जमानिया और मुहम्मदाबाद तहसील के कुछ गांवों में टीकाकरण कराया जा चुका है।

जमानियां एसडीएम प्रतिभा मिश्रा ने बताया कि प्रभावित गांव और परिवारों तक राहत सामग्री का वितरण करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। पीड़ितों की सूची जिला मुख्यालय भेजा गया है। चारे की भी व्यवस्था भी कर दी गई है। गांव तक पहुंचाने की व्यवस्था हो रही है। कहा कि राजस्वकर्मी की ओर से गांव-गांव पहुंच कर लोगों को उनकी जरूरत के मुताबिक राहत व बचाव अभियान चलाया जा रहा है ।

बुधवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 1 मीटर 33 सेमी ऊपर पहुंच गया है। आधा सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बृद्धि दर्ज की गई। सुबह 10 बजे तक जलस्तर 64.410, दिन के 12 बजे 64.420, दिन के दो बजे 64.430 तथा शाम चार बजे तक गंगा का जलस्तर 64.440 मीटर दर्ज किया गया। जिस तरह से गंगा ने अपने पांव पसारना शुरू किया है प्रशासनिक अधिकारियों समेत ग्रामीणों में चिंता बढ़ गई है।

बाढ़ प्रभावित पटकनिया की स्थिति दयनीय, एक नाव तक नहीं

गाजीपुर। गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का पानी कालूपुर-पटकनिया मार्ग पर चढ़ने को आतूर है। वीर अब्दुल हमीद सेतु से पूरब तरफ कालूपुर-पटकनिया मार्ग जिले के उच्च बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आता हैं। नीचला इलाका होने के कारण गंगा का पानी यहां फैलना शुरू हो गया है। इससे काफी लोग प्रभावित हुए हैं और सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं।

इस समय इस मार्ग पर सबसे बुरा हाल पटकनिया और युवराजपुर गांव का है।

युवराजपुर में बाढ़ का पानी सड़क पार करके आबादी की ओर बढ़ रहा है जिससे यह मार्ग दो हिस्सो में बंट गया है। इस कारण पिछले दो दिनों से इस मार्ग से आवागमन बाधित हो गया है। इसका प्रभाव पटकनिया सहित आस-पास के अन्य गांव के लोगों के आवागमन पर भी पड़ा है। बाढ़ का पानी फैलने के कारण पटकनिया की स्थिति ऐसी है कि वो तीन ओर से बाढ़ से घिर चुका है। 

आने वाले एक-दो दिनों में गंगा बढ़ती रही तो यह गांव पूरी तरह से टापू बन जाएगा। क्षेत्रफल के लिहाज से बड़ा गांव होने के कारण पटकनिया में कई गांवों के लोग खेती भी करते हैं। प्राथमिक विद्यालय में अपने पशुओं के साथ रह रही मधुरी देवी का कहना है कि बाढ़ में इस गांव को एक नाव भी नहीं मिला। कितनी मुश्किल से हम अपना सामान लेकर यहां आए हैं। राजन पासवान का कहना है कि अगर कोई इमरजेंसी पड़ जाए और गाजीपुर ही जाए तो कैसे जाएंगे। क्योंकि गौरा की तरफ से भी पानी गांव में घुसने लगा है।

लालजी यादव का कहना है कि गांव में कोई सफाईकर्मी भी नहीं दिखता जबकि यहां छह सफाई कर्मचारी है। न ही कोई पशु चिकित्सक और कोई दूसरा अन्य चिकित्सक ही आया। यहां की स्थिति बहुत खराब है। बाढ़ में संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है लेकिन प्रशासनिक निर्देशों का कोई ख्याल नहीं है।

सेवराई के 752, जमानिया के 450 लोग पीड़ित

गंगा और कर्मनाशा से सबसे ज्यादा प्रभावित सेवराई तहसील के चौदह गांव के 752 लोग और जमानियां तहसील के आठ गांव के 450, सैदपुर व सदर के चार-चार गांव के क्रमश: 1500-1500 लोग बाढ़ प्रभावित हैं। जिले में सबसे कम प्रभावित तहसील मुहम्मदाबाद है जिसके दो गांव के 2258 लोग बाढ़ से पीड़ित हैं। कासिमाबाद और जखनियां तहसील का एक भी गांव बाढ़ से प्रभावित नहीं है। जिले में कुल 670 बाढ़ प्रभावित गांव चिन्हित हैं। जिनमें 357 उच्च स्तर, 113 मध्य स्तर और 200 गांव निम्न स्तर बाढ़ प्रभावित घोषित हैं।

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