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मंडलायुक्त, आईजी, डीएम समेत अधिकारियों ने मां कामाख्या के दरबार में मत्थ टेक आशीर्वाद लिया - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से शुक्रवार को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने व गहमर में बाढ़ पीड़ितों से संवाद व खाद्यान्न वितरण के लिए आगमन को लेकर आईजी रेंज वाराणसी एसके भगत, मंडलायुक्त दीपक कुमार व जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने गहमर में स्थलीय निरीक्षण किया। 

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इस दौरान उन्होंने हेलीपैड व कार्यक्रम स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। क्षेत्र में गंगा के बढ़ते जलस्तर से आयी भीषण बाढ़ की विभीषिका झेल रहे लोगों से मिलने व राहत पैकेज वितरण करने के संभावित कार्यक्रम को लेकर प्रशासन की ओर से तैयारियां युद्ध स्तर पर शुरू कर दी गई है। आनन-फानन में अधिकारियों द्वारा गहमर में कार्यक्रम स्थल व हेलीपैड का निरीक्षण किया गया। 

इस दौरान आईजी रेंज वाराणसी एसके भगत, मंडलायुक्त दीपक कुमार ने गांव के पश्चिमी तरफ स्थित स्व. ठाकुर योगेश्वर सिंह फुटबॉल मैदान को हेलीपैड व गहमर इंटर कालेज परिसर में बाढ़ पीड़ितों से मुख्यमंत्री का संवाद व राहत पैकेज वितरण कराने के लिए चयनित किया गया। 

यहां निरीक्षण करने के बाद सभी अधिकारी गहमर स्थित मां कामाख्या धाम पहुंचे। जहां मंडलायुक्त, आईजी सहित सभी अधिकारियों ने माता के दरबार में मत्थ टेक आशीर्वाद लिया। इस दौरान जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह, पुलिस कप्तान डॉ. ओपी सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। इधर बढ़ते गंगा के चलते कामाख्या धाम-रेवतीपुर बाईपास मार्ग जलमग्न हो गया। 

इसके चलते हसनपुरा, नागदिलपुर, रेवतीपुर आने-जाने का संपर्क पूरी तरह से बंद हो गया है। दूसरी तरफ गहमर गांव के उस पार दियारा के किसान भी बढ़ को लेकर काफी परेशान हो गये हैं। टी-बी रोड से गंगा घाट की तरफ जाने वाला मार्ग भैरवराय मुहल्ला के आगे पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। हनुमान चबूतरा मैदान में बाढ़ का पानी आ गया है। चौहान बस्ती भी बाढ़ से घिर गया है। कर्मनाशा के बाढ़ का भी कहर बरपने लगा है। 

कर्मनाशा के बाढ़ से सायर, पकवलिया, राजमल बांध, भतौरा, मनिहरवन राजभर बस्ती आदि क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है। बाढ़ का पानी अब नरवा घाट की सढ़ियों को भी ड़ुबेन लगा है। क्षेत्र के मठिया, पंचमुखी, सोझवा बाघनारा आदि घाट डूबने के कगार पर पहुंच गया है। वहीं कई तटवर्ती गांवों में कटान काफी तेजी से हो रहा है।

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