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दुष्कर्म पीडि़ता प्रकरण में वाराणसी पुलिस आयुक्त ने डीजीपी को लिखा पत्र, सांसद अतुल राय पर आरोप

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीडि़ता के प्रकरण को लेकर पुलिस आयुक्त ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है। वहीं, शासन स्तर से भी पीडि़ता के मामले में विशेष जांच बैठा दी गई है। बता दें कि गत 16 अगस्त को पीडि़ता व उसके गवाह ने सुप्रीम कोर्ट के सामने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आत्मदाह का प्रयास किया था। पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने अब तक की कार्रवाई के बाबत शासन को अवगत कराया है।

पीडि़ता ने सांसद के खिलाफ लंका थाने में दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में सांसद नैनी जेल में बंद हैं। सांसद के भाई ने भी पीडि़ता के खिलाफ अदालत के आदेश से कैंट थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। पूरे मामले को लेकर पुलिस अब फूंक फूंक कर कदम उठा रही है। कहीं से कोई चूक न होने पाए, इस बाबत विवेचक को भी हिदायत दी गई है। फिलहाल कैंट थाने में पीडि़ता के खिलाफ दर्ज मामले की विवेचना कैंट थाने के नवनियुक्त प्रभारी निरीक्षक वेद प्रकाश राय को सौंपी गई है। हालांकि शासन द्वारा जांच बैठाने से मुकदमे से जुड़ी पत्रावलियों को जांच अधिकारियों को सौंपने की भी तैयारी की जा रही है।

बहुत मजबूर होकर दुष्कर्म पीडि़ता ने उठाया आत्मदाह का कदम

मऊ जिले की घोसी लोकसभा सीट से बसपा सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली 24 वर्षीय पीड़ता व उसके पुरुष मित्र सत्यम प्रकाश ने उत्तर प्रदेश में न्याय नहीं मिल पाने के बाद बहुत मजबूर होकर सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह का कदम उठाया था। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के बर्न वार्ड में दोनों वेंटीलेटर पर हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। डाक्टरों का कहना है कि युवती 85 फीसद व युवक 70 फीसद तक जल गया है। दोनों की सांस लेने की नली के साथ ही कई अंग बुरी तरह जल गए हैैं। इस कारण हालत में सुधार नहीं हो रहा है।

दिल्ली पुलिस बार-बार दोनों का बयान दर्ज करने की कोशिश कर रही है, लेकिन डाक्टरों से अनुमति नहीं मिलने के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा। सोमवार को खुद को जला लेने के बाद अस्पताल ले जाने के दौरान दोनों ने रास्ते में पुलिस को जो बताया, बस वही बयान है।

बताया जा रहा है कि बलिया की रहने वाली पीडि़ता के पिता की कई साल पहले मृत्यु हो चुकी है। उसकी मां की मानसिक हालत पूरी तरह ठीक नहीं है। युवती का एक छोटा भाई है, जो दसवीं में पढ़ रहा है। पुलिस का कहना है कि युवती ही अपने परिवार में सबसे जागरूक है। पढ़ाई के दौरान वह ज्यादातर बनारस में रहती थी। कभी-कभी जब वह अपने गांव आती थी, तब भी अपने घर में नहीं ठहरती थी। वाराणसी में यूपी कालेज में पढ़ाई के दौरान ही उसका परिचय सत्यम प्रकाश से हुआ था। सत्यम दुष्कर्म के मामले में अकेला गवाह है। उसने 2013 में यूपी कालेज छात्रसंघ का चुनाव लड़ा था और उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की थी। 2015 में उसने युवती को महामंत्री पद से चुनाव लड़वाया था, लेकिन वह हार गई थी।

एक मई 2019 को युवती ने जब लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था, तब पुलिस ने तुरंत उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था। काफी दबाव बनाने के बाद स्थानीय थाना पुलिस ने 22 जून 2019 को सांसद को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अभी सांसद के खिलाफ प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट में मामले का ट्रायल चल रहा है। इसके बाद भी पीडि़ता व सत्यम प्रकाश को धमकियां मिलनी शुरू हुईं तो युवती ने दोबारा सांसद व सुधीर राय के खिलाफ लंका थाने में चार दिसंबर 2020 को मुकदमा दर्ज कराया था। उक्त मामले में भी पुलिस ने इसी साल 25 फरवरी आरोपपत्र दायर कर दिया था।

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