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एम-2 मॉडल इवीएम का सत्यापन पूर्ण, अब विधानसभा चुनाव में नहीं होगा प्रयोग

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिले एम- 2 मॉडल ईवीएम का सत्यापन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अब इसका प्रयोग विधानसभा चुनाव में नहीं होगा। अगर आगे पंचायत चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल होगा तो इसका प्रयोग किया जाएगा, वरना निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया जाएगा। 

अब सिर्फ एम-3 मॉडल ईवीएम से ही चुनाव होगा। एम-3 मॉडल एडवांस तकनीकी से पूरी तरह लैस है। यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में भी इसका इस्तेमाल हुआ था। पहली बार बिहार विधानसभा में इसका प्रयोग हुआ था।


जिले के गोदाम में एक हजार से अधिक एम -2 मॉडल की मशीन : जिले के गोदाम में एम-2 मॉडल की बीएयू यानी बैलेट यूनिट 1084 है। सीयू (कंटोल यूनिट) 939 व वीवी पैट 383 रखी गई है। इन सभी का सत्यापन हो चुका है। इसके अलावा एम 3 मॉडल की यहां 4002 बीयू, 1828 सीएयू व 1858 वीवी पैट है। कंपनी के इंजीनियरों की टीम ने इस्की भी जांच पड़ताल पूरी कर ली है।


तकनीकी से लैस एम- 3 मॉडल मशीन : चुनाव प्रशिक्षण में दक्ष विशेषज्ञ बताते हैं कि एम- 3 मॉडल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या बढ़ने पर भी इसमे कोई दिक्कत नहीं आती है। एम-2 मॉडल यानी पुरानी इवीएम में 64 से ज्यादा उम्मीदवार होने पर बैलट पेपर इस्तेमाल का निर्देश है। जबकि एम-3 मॉडल इवीएम में 200 से अधिक उम्मीदवार होने पर भी बीयू यानी बैलेट यूनिट के जरिए मतदान हो सकता है।


बीईएल कंपनी की ओर से निर्मित एम -3 ईवीएम में छोटी मोटी गड़बड़ी इसके स्क्रीन पर शो करने लगते है। कुछ स्वयं भी ठीक हो जाती है। इसके अलावा सबसे बड़ी विशेषता यह है कि एम -3 ईवीएम में टेंपर डिटेक्टन का फीचर है। छेड़छाड़ पर मशीन बन्द हो जाती है, खुलती नहीं है।

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