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एनईआर की ट्रेनों बढ़ेंगी 15 हजार सीटें, बिहार और पूर्वांचल के यात्र‍ियों को म‍िलेगी कन्‍फर्म बर्थ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। आने वाले दिनों में दिल्ली और मुंबई जाने वाले बिहार और पूर्वांचल के प्रवासियों को कंफर्म टिकट के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। गोरखपुर सहित पूर्वोत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से बनकर चलने वाली ट्रेनों में लगभग 15 हजार सीट/बर्थ बढ़ जाएंगी। किराया होने होने के साथ ट्रेनें भी 130 से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लायक हो जाएंगी। इसके लिए एक्सप्रेस ट्रेनों की रेक संरचना में बदलाव कर स्लीपर (शयनयान) और साधारण श्रेणी (जनरल सिट‍िंग कोच) की जगह इकोनामी एसी की बोगियां लगाई जाएंगी।

दिल्ली और मुंबई जाने वाली ट्रेनों के कंफर्म टिकट के लिए नहीं करना होगा इंतजार

रेलवे बोर्ड की नई व्यवस्था के मुताबिक ट्रेनों में पांच से अधिक स्लीपर कोच नहीं लगाए जाएंगे। साथ ही साधारण कोच भी हटेंगे। स्लीपर की जगह इकोनोमी एसी थर्ड तथा साधारण की जगह इकोनोमी एसी थर्ड चेयरकार लगाए जाएंगे। ङ्क्षलकहाफ मैन बुश (एलएचबी) के सामान्य एसी कोचों के सापेक्ष नए इकोनोमी एसी कोचों में 72 की जगह 83 बर्थ/सीट की व्यवस्था है। ऐसे में प्रत्येक कोच में 11 बर्थ/सीट बढ़ जाएंगी। पूर्वोत्तर रेलवे में ही सामान्य दिनों में 136 एक्सप्रेस ट्रेनें चलती थीं। वर्तमान में 126 जोड़ी चल रही हैं। एसी बोगियों की खिड़कियां बंद रहती हैं। ऐसे में ट्रेन पर हवा का दबाव नहीं होने से रफ्तार प्रभावित नहीं होगा। यात्रियों को अतिरिक्त सुविधा मिलने के साथ किराया भी सामान्य एसी से कुछ कम हो जाएगा। 

नरल व स्लीपर कोचों की जगह लगाई जाएंगी इकोनामी एसी बोगियां, प्रक्रिया शुरू

फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर ट्रेनों की रेक संरचना में बदलाव के साथ इकोनामी एसी की बोगियां लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। 20 इकोनामी एसी कोच की स्वीकृति मिल चुकी है। कोचों के मिलने के साथ ट्रेनों में इनका उपयोग भी शुरू हो जाएगा। प्रथम चरण में पुष्पक, गोरखधाम और राप्तीसागर आदि एक्सप्रेस ट्रेनों में इनका उपयोग किया जाएगा। धीरे-धीरे सभी एक्सप्रेस ट्रेनों के रेक संरचना में बदलाव कर एसी कोचों की संख्या बढ़ा दी जाएगी।

नई बोगियों में नहीं लगेंगी आग, दिव्यांगों की राह होगी आसान

नई इकोनामी एसी बोगियां अग्नि प्रतिरोधक मेटल से बनाई जा रहीं हैं। ऐसे में आग लगने की आंशका नहीं रहेगी। इन बोगियों के गेट और अंदर के केबिन, टायलेट, खिड़कियां और सीटें भी चौड़ी तथा आरामदायक होंगी। दिव्यांग यात्रियों को चढऩे-उतरने में आसानी होगी। सभी बर्थों पर लैपटाप और मोबाइल के लिए चार्टर प्वाइंट उपलब्ध रहेगा।

कोच फैक्टरी में एसी थर्ड श्रेणी के इकोनामी कोच का उत्पादन किया जा रहा है। इन कोचों में यात्रियों को 11 बर्थ अतिरिक्त मिलेगा। इस कोच में फायर रेसिस्टेंट मटेरियल लगाया गया है। चौड़े दरवाजे लगाए गए हैं, जिससे दिव्यांग यात्रीगण भी आसानी से चढ़-उतर सकें। - पंकज कुमार स‍िंह , मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे-रिपोर्ट:प्रेम नारायण द्विवेदी

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