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बेनामी व अवैध संपत्तियों के मामले में आजम खां के बाद मुख्तार और अतीक की कुंडली खंगालेगा ईडी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/लखनऊ. बेनामी व अवैध संपत्तियों के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री तथा रामपुर के सांसद आजम खां के बाद अब माफिया डॉन बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी और अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद पर भी शिकंजा कसा है। सीतापुर जेल में बंद आजम खां से सोमवार को ईडी की दो सदस्यीय टीम ने पूछताछ की। अब अन्य टीमें बांदा जेल में मुख्तार अंसारी और गुजरात के अहमदाबाद जेल में बंद अतीक अहमद से भी जल्दी ही पूछताछ करेंगी।

प्रीवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष कोर्ट से कार्रवाई की अनुमति के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब सांसद आजम खां, विधायक मुख्तार अंसारी तथा पूर्व सांसद अतीक अमहद के खिलाफ अपनी कार्रवाई कर रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के बाद गैंगेस्टर बसपा विधायक मुख्तार अंसारी तथा माफिया पूर्व सांसद अतीक अहमद की सभी अवैध कमाई के साथ ही संपत्तियों की कुंडली खंगालेगा। पहले ईडी ने इन तीनों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुकदमा दर्ज किया था। अब ईडी को कोर्ट से इन तीनों नेताओं को कस्टडी में लेकर पूछताछ करने की अनुमति मिल गई है।

ईडी की टीम ने इस प्रकरण में सबसे पहले आजम खां से सीतापुर जेल में सोमवार को पूछताछ की। अब मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद की बारी है। ईडी की टीम ने सीतापुर जेल में बंद आजम खां से विदेश से मिले धन के साथ भी जमीन के मामलों में भी काफी देर तक पूछताछ की। सीतापुर जिला जेल में बंद 72 वर्षीय आजम खां से सोमवार को पहले चक्र की पूछताछ की गई है। ईडी ने 2019 में आजम खां के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस के केसों में से कम से कम 26 प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद जांच शुरू की। आजम खां पर आरोप है कि रामपुर में विश्वविद्यालय के लिए सरकारी संपत्ति पर कब्जा किया है। 2012 में आजम खां प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार में नगर विकास मंत्री थे।

मऊ से बसपा विधायक 58 वर्षीय अंसारी से बांदा जिला जेल में पीएमएलए के तहत मंगलवार को पूछताछ की जाएगी। अगस्त में कोर्ट ने ईडी को अपना बयान दर्ज करने की अनुमति दी थी। अंसारी के खिलाफ जमीन हथियाने, हत्या और जबरन वसूली के आरोपों सहित कम से कम 49 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जो ईडी की जांच के दायरे में हैं।

पीएमएलए कोर्ट ने ईडी को गुजरात की साबरमती जेल में बंद 59 वर्षीय अहमद से न्यायिक हिरासत में लेने के बाद पूछताछ करने के लिए अधिकृत किया है। अतीक अहमद के खिलाफ अलग-अलग पीएमएलए मामले है। अब पूछताछ के बाद ईडी जांच को आगे बढ़ाने के लिए उसी कानून के आपराधिक प्रावधानों के तहत उनकी संपत्ति कुर्क कर सकती है। पूर्व सांसद अहमद पहले समाजवादी पार्टी और अपना दल (सोनेवाल गुट) सहित राजनीतिक दलों से जुड़े रहे हैं। उनके खिलाफ विभिन्न थानों में हत्या, रंगदारी और जमीन हड़पने के आरोप में दर्ज की गई 196 प्राथमिकी के आधार पर ईडी उनकी जांच कर रही है।

आजम खां पर किसानों की जमीन हड़पने का आरोप

समाजवादी पार्टी से रामपुर से सांसद नेता आजम खां पर किसानों की जमीन हड़पने का आरोप है। सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाकर आजम खां ने किसानों की जमीनें ले लीं। इसके बाद कुछ किसानों ने इसकी शिकायत राज्यपाल से की थी। आरोप है कि आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवॢसटी के नाम पर जिन जमीनों का अधिग्रहण किया था। उनमें से कई जमीनें सरकारी हैं और यूनिवर्सिटी बनाने में सरकारी पैसे के साथ विदेश से मिले धन का इस्तेमाल किया गया।

मुख्तार के खिलाफ एक जुलाई को दर्ज हुआ था मामला

बांदा जेल में बंद माफिया व मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने एक जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। आरोप है मुख्तार अंसारी ने सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा जमाया और उसे सात वर्ष के लिए 1.7 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से निजी कंपनी को किराए पर दिया। ईडी इस रकम और कब्जा जमाने के मामले में अपनी पूछताछ करेगी।

अतीक की 16 कंपनियों की जानकारी

अहमदाबाद जेल में बंद प्रयागराज के माफिया अतीक अहमद के खिलाफ भी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया था। बीते वर्ष पुलिस ने अतीक की कुल 16 कंपनियां चिह्नित की थीं जिसमें से कई बेनामी थीं। इन कंपनियों में नाम तो किसी और का है लेकिन परोक्ष रूप से इनमें पैसा अतीक अहमद का लगा है। इनमें से ज्यादातर कंपनियों का कारोबार रियल इस्टेट से संबंधित है। जानकारी मिली है कि इन कंपनियों का लेनदेन करोड़ों में है। पुलिस ने बताया था कि जिन 16 कंपनियों के बारे में जानकारी मिली है उनमें से तीन कंपनियां अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन जबकि पांच रिश्तेदारों के नाम से रजिस्टर्ड हैं। आठ कंपनियां ऐसी हैं जिनके बारे में यह नहीं स्पष्ट हो सका है कि उनका मालिक कौन है। 

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