Today Breaking News

सपना चौधरी की बाउंसर थी पूनम पंडित, जानें कैसी बनी किसान आंदोलन का चर्चित नाम

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के आज जितने भी चर्चित चेहरे हैं उनमें एक नाम पूनम प‍ंडित का भी है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली पूनम पंडित बीते 10 महीनों से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में सक्रिय हैं। वो सबसे ज्‍यादा चर्चा में तब आई जब यूपी के मुज्‍जफरनगर में आयोजित किसान महापंचायत में उन्‍हें मंच पर चढ़ने से राेक दिया गया। इस दौरान वे कई इंटरनेट मीडिया चैनल पर इंटरव्‍यू देती भी नजर आई और कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाए।

मगर क्‍या आप जानते हैं कि पूनम पंडित कभी हरियाणवी डांसर सपना चौधरी की बाउंसर हुआ करती थी। इस बारे में पूनम पंडित ने खुद बताया जब वो  हरियाणा के करनाल शहर में पहुंची थी। पूनम पंडित तब भले ही एक छोटा सा‍ नाम था, मगर आज उन्‍हें हर कोई जानता है। पूनम पंडित ने कहा कि मैंने कानूनों को गहराई से समझा है और तभी मैं आंदोलन से जुड़ी हूं।

पूनम पंडित ने कहा कि यह कहने में मुझे कोई गुरेज नहीं है कि मैं कभी सपना चौधरी की बाउंसर होती थी। बाउंसर खेल से जुड़े होते हैं और मैं भी एक इंटरनेशनल शूटर हूं। नेपाल में गोल्‍ड मेडल भी जीत चुकी हूं। तब घर चलाने के लिए मैं नौकरी करती थी। मगर बाद में किसान आंदोलन से जुड़ गई। सपना चौधरी को लेकर उन्‍होंने कहा कि मुझे इस बात का भी दुख है कि सपना चौधरी एक कलाकार हैं मगर फिर भी वे किसानों के समर्थन में नहीं आई। पूनम पंडित ने कहा कि कुछ लोग जहर फैलाकर आंदोलन को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे बदनाम किया जा रहा है, यही वजह है कि मुज्‍जफरनगर में मेरे साथ अभद्रता की गई।

किसान महापंचायत के वालिएंटरों पर सवाल करते हुए पूनम पंडित ने कहा कि एक लड़के ने मुझे कोली भरके यानि कमर में हाथ डालकर नीचे खींच लिया और मंच पर नहीं चढ़ने दिया। उसने कहा कि मैं किसी भी सूरत में तुम्‍हें मंच पर नहीं चढ़ने दूंगा। मेरे साथ धक्‍का मुक्‍की की गई। मैं पसीने से तरबतर हो गई और मेरी तबीयत भी खराब हो गई। मैं कुछ समझ ही नहीं पाई की मेरे साथ ये क्‍या हो रहा है।

पूनम ने कहा कि खुद राकेश टिकैत ने मुझे किसान महापंचायत में बुलाया था। बाद में उन्‍होंने मुझे मंच पर भी बैठाया। पूनम पंडित ने कहा कि मैं आखिरी दम तक किसानों के साथ रहूंगी। पूनम पंडित ने निजी जिंदगी पर बात करते हुए कहा कि मैंने खुद मेरी छोटी बहन की शादी की है और मैं अभी 25 साल की हूं। मेरे पिता का देहांत हो चुका है और मेरी मां ने ही हमारी पर‍वरिश की है। पूनम पंडित तीन दिनों तक करनाल में रही और मंच से कई बार आंदोलनकारियों को संबोधित भी किया।

पूनम पंडित हरियाणवी और यूपी के लहजे में प्रभावी भाषण देती हैं और उनकी लोकप्रियता भी बहुत है, मगर बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो उन्‍हें पसंद नहीं करते। इसी तरह की घटना पहले भी सामने आ चुकी है जब उन्‍हें टिकरी बॉर्डर पर आने से रोक दिया गया था। पूनम पंडित बहुत भावुक हैं उनकी आंखों से आंसू बहने लगते हैं। करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज और एसडीएम आयुष सिन्‍हां पर कार्रवाई की मांग को लेकर शुरू किए गए धरने में पूनम पंडित आखिर में पहुंची मगर दो दिनों तक उन्‍होंने आंदोलन में जान फूंक दी।

पूनम पंडित ने कहा कि मेरे बारे में लोग तरह की तरह की बातें करते हैं। मगर कुछ लोगों के कारण मैं हार मानकर बैठने वालों में नहीं हूं। हो सकता है कि 10 प्रतिशत लोग मुझे पसंद न करते हों, मगर मैं 90 प्रतिशत लोगों के प्‍यार को कैसे भुला दूं। पूनम पंडित ने कहा मैं पहले हरियाणा से इतनी मुखातिब नहीं थी। मगर हरियाणा मुझे अपना घर सा लगने लगा है।

शादी की बात पर मुस्‍कुरा देती हैं पूनम पंडित

पूनम पंडित से जब यह पूछा गया कि कई युवा आपसे शादी करने की कतार में है और वाे आपसे शादी करने के इच्‍छुक हैं तो पूनम पंडित मुस्‍कुरा दी। पूनम पंडित ने कहा कि शादी भी कर लेंगे। इसमें कोई दिक्‍कत नहीं है। कोई सीधे तौर पर आकर कहें कि शाादी करनी है और क्‍यों करनी है। चैनल पर इंटरव्‍यू के दौरान जब पूनम पंडित से लड़के में होने वाले गुणों के बारे में पूछा तो पूनम ने कहा कि बाकी कुछ भी चलेगा मगर मैं हनक सहन नहीं कर पाऊंगी। ये करो, वो करो, इस तरह की चीजें मेरे साथ नहीं चलने वाली हैं। मुझे खुले व्‍यक्तित्‍व वाला ही पति चाहिए। जो किसी भी तरह की बंदिशे न लगाए। मैं घर अच्‍छी तरह से संभाल सकती हूं। पूनम पंडित ने कहा कि मैं तभी शादी करूंगी तभी घर जाऊंगी जब कृषि कानून वापस हो जाएंगे।

 
 '