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गिरफ्तारी के बाद भी नहीं गई हत्यारोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंह की अकड़, आज रिमांड पर लेगी पुलिस

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. हत्यारोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंह व दारोगा अक्षय मिश्रा को गोरखपुर पुलिस ने गिरफ्तार तो कर लिया। लेकिन आला कत्ल (घटना में इस्तेमाल हथियार) बरामद नहीं हुआ। इसे बरामद करने के लिए एसआइटी कानपुर आरोपितों का कस्टडी रिमांड लेगी। विवेचक ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

गोरखपुर पुलिस ने रविवार की शाम रामगढ़ताल क्षेत्र में देवरिया बाईपास के पास एक लाख रुपये के इनामी इंस्पेक्टर जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार किया था। सूचना मिलने पर थाने पहुंची एसआइटी ने आरोपितों को हिरासत में ले लिया। थाने में पूछताछ के बाद रात में ही मेडिकल कराकर दोनों को रिमांड मजिस्ट्रेट की काेर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। आला कत्ल (घटना में इस्तेमाल हथियार) एसआइटी बरामद नहीं कर पाई थी। 

इसके लिए अब हत्यारोपित इंस्पेक्टर व दारोगा को रिमांड पर लेने की तैयारी चल रही है। एसआइटी के विवेचक बृजेश श्रीवास्तव 22 अक्टूबर से पहले आरोपितों को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी देंगे। सोमवार को दिन भर सर्किट हाउस में इसको लेकर बैठक चली। आरोपितों की निशानदेही पर अगर आला कत्ल बरामद होता है तो यह केस में अहम साक्ष्य होगा।

अक्षय मिश्रा के निकले आंसू, अपने रुख पर अड़ा रहा जेएन

रामगढ़ताल थाने में पांच घंटे चली पूछताछ के दौरान हत्यारोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंह अपने रुख पर अड़ा रहा। एसआइटी प्रभारी और विवेचक को मनीष गुप्ता की हत्या को हादसा बताने में लगा रहा। एसआइटी को उसने बताया कि मनीष गुप्ता और उसके दोस्त नशे में थे। पैर फिसलने की वजह से मनीष कमरे में गिर गया। उसे बचाने के लिए अपनी टीम के साथ अस्पताल ले गया लेकिन सिर में गंभीर चोट लगने से मौत हो गई। पूछताछ के बाद एसआइटी जब अक्षय मिश्रा को पुलिस वैन से लेकर रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट के लिए रवाना हुई तो दारोगा अक्षय मिश्रा के आंसू निकल पड़े। कोर्ट में वह गुमसुम खड़ा रहा। वहीं जेएन सिंह के चेहरे पर कोई सिकन नहीं थी।

अधिवक्ता ने कोर्ट पहुंचकर ली मामले की जानकारी

रविवार की रात में एसआइटी जब हत्यारोपित पुलिसकर्मियों को कोर्ट में लेकर पहुंची तो रिमांड मजिस्ट्रेट ने उनसे पूछा कि आपके अधिवक्ता कहां हैं। उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया। जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा के अधिवक्ता पीके दूबे ने सोमवार की सुबह सीजेएम कोर्ट में पहुंचकर मामले की जानकारी ली।जेल में भी उनसे मिलने का प्रयास किया लेकिन देर होने की वजह से मुलाकात नहीं हो पाई।

हत्यारोपित पुलिसकर्मियों की अब छिनेगी वर्दी

कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के आरोपित सभी पुलिसकर्मियों की अब वर्दी छिनेगी। मुख्य आरोपित इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और दारोगा अक्षय मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद सबको बर्खास्त करने की तैयारी शुरू हो गई है। एसपी नार्थ की जांच रिपोर्ट को आधार बनाते हुए एसएसपी ने बर्खास्त करने की फाइल आगे बढ़ा दी है।

हत्या का मुकदमा दर्ज होने से पहले एसएसपी डा. विपिन ताडा ने चेकिंग के दौरान लापरवाही के आरोप में इंस्पेक्टर सहित छह पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर दिया था।मुकदमा दर्ज होने पर मनीष की पत्नी मीनाक्षी की मांग पर शासन ने मामले की विवेचना कानपुर एसआइटी को ट्रांसफर कर दिया। मुख्यमंत्री ने इस मामले में सीबीआइ जांच की भी सिफारिश की है। लेकिन सीबीआइ ने अभी तक केस को अपने हाथ में नहीं लिया है।

दो अक्टूबर को अपर पुलिस आयुक्त कानपुर आनंद प्रकाश तिवारी की अगुवाई में एसआइटी गोरखपुर पहुंची। जांच में हत्या कर साक्ष्य मिटाने का प्रमाण मिलने पर आरोपितों पर इनाम घोषित करने के साथ ही उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश तेज कर दी गई है। रविवार को जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा को गोरखपुर पुलिस ने दबोच लिया।चार आरोपित अभी फरार हैं। शासन के निर्देश पर अधिकारियों ने वर्दी का रौब दिखाकर वारदात को अंजाम देने वाले पुलिसकर्मियों की वर्दी छीनने की तैयारी तेज कर दी है।

फरार पुलिसकर्मियों सरेंडर की सूचना पर कचहरी में मुस्तैद रही फोर्स

हत्यारोपित दारोगा राहुल दूबे, विजय यादव, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव व आरक्षी प्रशांत के कोर्ट में सरेंडर करने की सूचना पर गोरखपुर पुलिस सोमवार सुबह से ही दीवानी कचहरी में मुस्तैद हो गई। कैंट, खोराबार और रामगढ़ताल थाने की फोर्स के साथ पहुंचे एसपी सिटी दोपहर एक बजे तक मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने पूरे परिसर की सघन तलाशी कराई। सीजेएम कोर्ट के बाहर भी सादे कपड़े में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी थी।

मनीष हत्याकांड में एसआइटी कानपुर व गोरखपुर पुलिस का शिकंजा कसने के बाद आरोपित पुलिसकर्मियों की मुसीबत बढ़ गई है। स्वजन के साथ ही रिश्तेदार व दोस्त से पुलिस की अलग-अलग टीम पूछताछ कर रही है। रविवार को मुख्य आरोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद फरार चल रहे अन्य आरोपितों पर पुलिस के सामने या कोर्ट में सरेंडर (आत्म समर्पण) करने का दबाव बढ़ गया है। 

सोमवार की सुबह पुलिस अधिकारियों को सूचना मिली कि राहुल दूबे और अन्य पुलिसकर्मी कोर्ट में सरेंडर करने कि फिराक में है। उन्होंने एक अधिवक्ता से संपर्क भी किया है। इसकी भनक लगते ही एसपी सिटी सोनम कुमार, सीओ कैंट श्यामदेव बिंद फोर्स के साथ दीवानी कचहरी पहुंच गए।एसपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर दीवानी कचहरी में फोर्स के साथ रुटीन चेकिंग की गई।

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