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अपराध रोकने में अक्षम निरीक्षकों को छोड़नी होगी थानेदारी, उपनिरीक्षक बनेंगे प्रभारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. फरियादियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करने के साथ अपराध रोकने में अक्षम निरीक्षकों को अब थानेदारी छोड़नी पड़ेगी। उनकी जगह उपनिरीक्षकों को कमान सौंपी जाएगी। शासनादेश के अनुसार 50 फीसद थानों की कमान निपुण उपनिरीक्षकों को सौंपी जा सकती है। पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर जिले के सभी थानों की समीक्षा कर रहे हैं। इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

बताया कि पूर्व में शिकायतों और उनकी कार्यक्षमता का आंकलन करने के साथ ही फ‍रियादियों के साथ उनके व्‍यवहार पर भी नजर रखी जाएगी। इसके बाद संबंधित के आचरण और कार्य क्षमता के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही उप निरीक्षकों को कमान सौंपी जा सकती है। 

जुलाई में संशोधित शासनादेश के अनुसार 50 प्रतिशत थानों पर उपनिरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) भी प्रभारी (थानाध्यक्ष) बन सकेंगे। पहले केवल एक तिहाई थानों पर ही ऐसी व्यवस्था थी। दो तिहाई थानों में थानाध्यक्ष के रूप में निरीक्षकों की तैनाती की व्यवस्था को बदल दिया गया है। यदि योग्य व उपयुक्त निरीक्षक उपलब्ध नहीं हैं तो ऐसी दशा में उपयुक्त उपनिरीक्षक को थानाध्यक्ष के रूप में तैनाती दिए जाने का निर्णय किया गया है। यह व्यवस्था एसपी पर निर्भर है। वह आवश्यकता व उपलब्धता के अनुरूप थानेदारों की तैनाती में निरीक्षक व उपनिरीक्षकों को मौका देंगे।

22 में चार थानों के प्रभारी हैं उपनिरीक्षक : बलिया जिले में कुल 22 थानों में चार में उपनिरीक्षक प्रभारी हैं। नगरा, भीमपुरा, दोकटी व हल्दी में उपनिरीक्षक व शहर कोतवाली, बांसडीहरोड, सहतवार, बांसडीह, रेवती, मनियर, गड़वार, पकड़ी, सिकंदरपुर, अभांव, बैरिया, रसड़ा, नरहीं, फेफना, सुखपुरा, दुबहड़, चितबड़ागांव व खेजुरी में निरीक्षकों के हाथ में कमान है। वहीं बलिया शहर में स्थापित महिला थाने में भी उपनिरीक्षक की तैनाती है। जिले में लगभग 150 उपनिरीक्षक व 30 निरीक्षक हैं।

बोले अधिकारी : शासनादेश के अनुसार आवश्यकता पड़ने पर व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। सभी थानों की मानिटरिंग की जा रही है। कुछ थानों पर उपनिरीक्षक तैनात भी हैं।  - राजकरन नय्यर, पुलिस अधीक्षक।


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