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विश्वविद्यालयों की भांति अब महाविद्यालयों के शिक्षकों को भी मिलेगा इंक्रीमेंट, 7वें वेतन आयोग में मिली संस्‍तुति

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. विश्वविद्यालयों की भांति अब महाविद्यालयों के पीएचडीधारक शिक्षकों को भी इंक्रीमेंट देने की तैयारी चल रही है। शासन ने विश्वविद्यालयों के तर्ज पर महाविद्यालयों के शिक्षकों को इंसेटिव देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में उच्च शिक्षा के सहायक निदेशक (प्रयागराज) डा. जय सिंह ने सूबे सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों से पीएचडी व एमफिल डिग्रीधारी शिक्षकों का विवरण तत्काल मेल करने का निर्देश दिया है।

दरअसल सातवें वेतनमान के अनुसार पीएचडी धारक शिक्षकों को पांच इंक्रीमेंट देने की संस्तुति की गई है। वहीं विश्वविद्यालय में इसे लागू कर दिया गया है। जबकि महाविद्यालय में यह नियम अब तक नहीं लागू है। महाविद्यालयों के शिक्षक इसकी मांग लंबे समय से कर रहे हैं। इस क्रम में अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ (उच्च शिक्षा) के राष्ट्रीय प्रभारी महेंद्र कुमार गत दिनों उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा से लखनऊ में मुलाकात की। 

इस दौरान उन्होंने छह सूत्रीय पत्रक भी सौंपा। इसमें महाविद्यालयों में प्रोफेसर पदनाम प्रदान करने, सातवें वेतनमान के अनुसार पीएचडी के पांच इंक्रीमेंट देने सहित कई मांगों पर उपमुख्यमंत्री से उनकी सार्थक वार्ता हुई। उन्होंने इस संबंध में तत्काल उच्चाधिकारियों को आदेश जारी करने का निर्देश दिया।

महासंघ के (उच्च शिक्षा) के संयुक्त महामंत्री व हरिश्चंद्र पीजी कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा उदयन मिश्र ने बताया कि उपमुख्यमंत्री के पहल पर ही उच्च शिक्षा के सहायक निदेशक से क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों से पीएचडी व एमफिल डिग्रीधारी शिक्षकों का विवरण निर्धारित फार्मेट पर मांगा है। 

उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर विश्वविद्यालयों की भांति अब महाविद्यालयों के शिक्षकों में भी प्रोफेसर पद नाम देने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि इसकी प्रक्रिया लंबी होने के कारण कुछ समय लगने की संभावना है। कहा कि शासन के इस पहल पर सूबे के करीब 313 अशासकीय महाविद्यालयों में करीब बीस हजार शिक्षकों को राहत मिलने की उम्मीद जग गई है।

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