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रेल रोको आंदोलन: काशी समेत पूर्वांचल के रेलवे स्टेशनों पर पुलिस रही अलर्ट, मऊ में किसान संगठनों के नेताओं ने किया प्रदर्शन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. रेल रोको आंदोलन: लखीमपुर कांड को लेकर किसान संगठनों द्वारा रेल रोको आंदोलन की चेतावनी के मद्देनजर सोमवार को  वाराणसी समेत पूर्वांचल के जिलों में पुलिस-प्रशासन और रेलवे महकमा अलर्ट मोड में नजर आया। संगठनों की ओर से बनारस और मऊ समेत कई स्थानों पर बैठक कर प्रदर्शन करने की तैयारी की गई। हालांकि, प्रशासनिक सतर्कता की वजह से कहीं भी रेल रोकने जैसी घटना नहीं हो सकी। मऊ में किसान संगठनों के नेताओं और वामदलों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।

लखीमपुर खीरी मामले में मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग और कृषी कानून के विरोध मे संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन सहित अन्य किसान संगठनों  के द्वारा सोमवार को यूपी सहित पूरे देश में रेल रोको आंदोल के साथ विरोध प्रदर्शन किया गया। रेल रोको आंदोलन को लेकर सोमवार को पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी पूरी तरह से सतर्क रहा।

छोटे-बड़े तमाम रेलवे स्टेशनों पर जीआरपी के साथ स्थानीय थाने की पुलिस भी मुस्तैद रही। काशी रेलवे स्टेशन पर सुबह से ही जीआरपी के साथ एसीपी कोतवाली त्रिलोचन त्रिपाठी फोर्स के साथ गश्त कर रहे थे। उधर, आदमपुर पुलिस राजघाट पुल के नीचे रेलवे ट्रैक और आसपास के इलाकों पर नजर बनाए हुए थी।

भीड़भाड़ वाले स्थानों पर रही पुलिस

काशी, सिटी, हरदत्तपुर, कैंट, बनारस, कादीपुर, राजवाड़ी और सारनाथ समेत अन्य रेलवे स्टेशन पर सुबह से ही पुलिस फोर्स तैनात रही।  स्टेशन परिसर में प्रवेश करने वालों से पूछताछ भी की गई। एसीपी कोतवाली त्रिलोचन त्रिपाठी ने बताया कि किसानों के द्वारा रेल रोको आंदोलन को लेकर अतिरिक्त सुरक्षा बरती जा रही है।  

रेलवे स्टेशन के अलावा डाफी टोल प्लाजा, बीएचयू सिंहद्वार, रविदास गेट लंका, नरिया तिराहा सुंदरपुर और जवाहर नगर स्थित प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय के समीप फोर्स तैनात रही। लंका थाने के कार्यवाहक थानेदार इंस्पेक्टर क्राइम महातम यादव और इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे फोर्स के साथ इलाके में शांति व्यवस्था की निगरानी करते रहे।

मऊ जंक्शन के बाहर संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में सोमवार को किसान संगठनों के नेताओं और वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। किसानों के आंदोलन के मद्देनजर रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि काफी समय से देश का किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस किए जाने की मांग कर रहा है। लेकिन, सरकार है कि किसानों से वार्ता को ही तैयार नहीं है। आरोप लगया कि सरकार द्वारा औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए लिए ही कृषि कानून बनाया है। कहा कि हम तब तक लड़ते रहेंगे जब तक केंद्रीय राज्य मंत्री (अजय मिश्र इस्तीफा नहीं देते। किसान  हार मानने वाले नहीं हैं और जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती। 

रतनपुरा में नहीं दिखा रेल रोको आंदोलन

रेल रोको आंदोलन के मद्देनजर मऊ जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर नजर आया। यही कारण है कि रतनपुरा रेलवे स्टेशन पर किसान आंदोलन से जुड़े आंदोलनकारी पूरी तरह से नदारद दिखे। यहां पर आंदोलन की किसी भी किस्म की सुगबुगाहट नहीं देखी गई।

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