Ropeway in Varanasi: रोपवे ट्रांसपोर्ट वाला देश का पहला शहर बनेगा बनारस, एक बार में 8 हजार लोग करेंगे सफर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. Ropeway in Varanasi: दुनिया का तीसरा और भारत पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे (Ropeway ) प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में चलेगा। शहर में यातायात के दबाव व पर्यटकों की सुविधा के लिए कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन ) से गिरजाघर चौराहे (गोदौलिया ) तक 4.2 किलोमीटर में रोपवे का निर्माण किया जाएगा। इससे काशी विश्वनाथ मंदिर व दशाश्वमेध घाट तक पहुंच आसान हो जाएगी। इस 424 करोड़ की परियोजना पर जल्द काम शुरू हो जाएगा। इसमें 80 फीसद केंद्र सरकार व 20 फीसद राज्य सरकार खर्च करेगी।
नेशनल हाईवे, रिंग रोड, फ्लाइओवर, आरओबी के बाद अब वाराणसी के भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे का इस्तेमाल होगा। पूर्वी भारत का गेटवे कहे जाने वाले वाराणसी आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी। दरअसल, बनारस के पुराने इलाकों की संकरी सड़कें व ट्रैफिक का दबाव निरंतर बढऩे से अक्सर जाम की स्थिति रहती है। रोपवे बनने से इससे निजात मिल जाएगी।
पायलट प्रोजेक्ट
वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि बोलीविया देश के लापाज और मैक्सिको शहर के बाद विश्व में भारत तीसरा देश और वाराणसी पहला शहर होगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे का इस्तेमाल किया जाएगा। ये पायलट प्रोजेक्ट है। काशी के मूल स्वरूप को कायम रखते हुए क्योटो के तर्ज पर अत्याधुनिक तरीके से इसे विकसित किया जा रहा है।
चार स्टेशन और सिर्फ 15 मिनट
वाराणसी कैंट स्टेशन से शुरू होकर गिरजाघर चौराहे तक कुल चार स्टेशन होंगे। इसमे कैंट रेलवे स्टेशन, साजन तिराहा ,रथयात्रा और गिरजाघर चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा। रोपवे की कुल दूरी 4.2 किलोमीटर है जो करीब 15 मिनट में तय होगी। करीब 45 मीटर की ऊंचाई पर ट्राली कार चलेगी। इसमें 220 ट्राली होंगी। एक ट्राली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते हैं। हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को ट्राली उपलब्ध रहेगी। एक दिशा में एक बार में 4000 लोग यात्रा कर सकेंगे। यानी 8000 लोग दोनों दिशा से एक बार में आ जा सकेंगे। रोपवे रात में भी चलेगा।
झलकेगी बनारस की संस्कृति
रोपवे के लिए बनने वाले सभी स्टेशन पर काशी की कला-संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। ट्राली पर भी काशी की थाती परिलक्षित होगी। कैंट रेलवे स्टेशन के पास ही रोडवेज है। इसलिए कैंट स्टेशन पर रोपवे स्टेशन बनने से ट्रेन और बस से यात्रियों को सुविधा होगी।
फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार
वैपकास कंपनी ने सर्वे पूरा करने के बाद फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर ली है। जिसे स्थानीय प्रशासन ने शासन को भेज दिया है। पूरा प्रोजेक्ट पीपीपी माडल पर बनेगा और संचालित भी पीपीपी मॉडल पर ही किया जाना है ।