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बनारस में पहले ही पायदान पर डगमगाए रोपवे के कदम...

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. बनारस में रोप-वे अपने पहले ही पायदान पर लड़खड़ाने लगी है। हालात यह है कि डीपीआर बनाने वाली संस्था वैपकॉस ने वाराणसी विकास प्राधिकरण से अभी तक एग्रीमेंट ही नहीं किया है जबकि सितम्बर के अंतिम सप्ताह व अक्टूबर के पहले ही सप्ताह में एग्रीमेंट फाइनल करने की टाइमलाइन तय हुई थी। उधर, वैपकॉस की सुस्त गति से काम करने पर वीडीए प्रशासन ने नाराजगी जताई है और चेतावनी पत्र भेजते हुए कार्रवाई की बात कही है।

वैपकॉस के मुख्य अभियंता दीपक लखनपाल को वीडीए वीसी ईशा दुहन ने 26 अक्टूबर को एक पत्र भेजकर सुस्त गति से काम पर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई के लिए चेताया है। वीसी ने अपने भेजे हुए पत्र में वैपकॉस पर आरएफपी कार्य व कन्सेशन एग्रीमेंट रिपोर्ट तैयार करने में देरी का आरोप लगाया है। हरियाणा की गुरूग्राम बेस्ड इस फर्म ने अभी तक जो जरूरी कार्य करने हैं उसकी कार्यवाही में देरी की है जिससे बनारस का यह ड्रीम प्रोजेक्ट पहले ही पायदान पर सुस्त होने लगा है।

चुनाव की अधिसूचना से पहले टेंडर कराने की तैयारी

दरअसल, वीडीए की मंशा है कि यूपी में होने वाले 2022 के विस चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले सभी तरह की औपचारिकताओं को पूरा कर लिया जाए ताकि काम की शुरूआत कराई जा सके। काशी के लिए यातायात की संजीवनी के रूप में साबित होने वाले इस ड्रीम प्रोजेक्ट का लोगों का बेसब्री से इंतजार है। रोप-वे के शुरू हो जाने से यहां आने वाले सैलानियों को सुविधा मिलेगी और द्रूत गति से लोग यहां के तीर्थ स्थलों व ऐतिहासिक स्मारकों के साथ मंदिरों में पहुंचकर दर्शन-पूजन कर सकेंगे।

अक्टूबर में ही जारी करना था टेंडर

रोपवे परियोजना का फाइनल ड्राफ्ट शासन को भेज दिया गया है। प्रदेश सरकार के शहरी आवास विभाग की संस्तुति के बाद यह केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट आॅफ इकोनॉमी में भेजा जाएगा और वहां से सहमति के बाद इस परियोजना पर काम शुरू किया जाएगा।

424 करोड़ की है परियोजना

रोप-वे बनने के बाद सैलानी कैंट रेलवे स्टेशन से गिरिजाघर तक सफर कर सकेंगे। करीब 424 करोड़ की इस परियोजना के तहत पांच किलोमीटर लम्बा रोप-वे तैयार होगा। कैंट, साजन तिराहा, सिगरा, रथयात्रा के बाद गिरिजाघर स्टेशन बनेगा। 

योजना के तहत 80 फीसदी अंशदान

केंद्र सरकार का और 20 फीसदी राज्य सरकार का होगा। विकास प्राधिकरण पूरी परियोजना की नोडल एजेंसी है।

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