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समीर वानखेड़े की मुसीबत बढ़ी, 8 करोड़ रुपए की रिश्वत मामले में विजिलेंस जांच शुरू

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. क्रूज पार्टी ड्रग मामले में गवाहों से रंगदारी वसूलने के आरोप के बाद NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की परेशानी बढ़ गई है। समीर वानखेड़े के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने विजिलेंस जांच शुरू कर दी है। NCB के डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने जानकारी दी है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। गौरतलब है कि आर्यन खान मामले के गवाह प्रभाकर ने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर 8 करोड़ रुपए की रिश्वत वसूलने का सनसनीखेज आरोप लगाया है।


मामले में दो हलफनामे पेश

कोर्ट में इस मामले से जुड़े दो हलफनामे दाखिल किए गए हैं। एक हलफनामा एनसीबी की ओर से है, वहीं दूसरा समीर वानखेड़े की ओर से दाखिल किया गया है। विशेष एनडीपीएस अदालत के समक्ष पेश हुए NCB अधिकारी समीर वानखेड़े ने जज से कहा कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और वह जांच के लिए तैयार हैं। जहां समीर वानखेड़े ने अपने हलफनामे में कोर्ट से उन्हें धमकी देने और जांच में बाधा डालने के उनके प्रयासों का संज्ञान लेने का आग्रह किया है।

मुकर गया गया गवाह प्रभाकर

इधर प्रभाकर नाम के एक स्वतंत्र गवाह के आरोप के साथ मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले ने नया मोड़ आ गया। प्रभाकर ने दावा किया कि आर्यन को 3 अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय में लाए जाने के बाद उसने गोसावी को फोन पर डिसूजा नाम के एक व्यक्ति से 25 करोड़ रुपए की मांग के बारे में बात करते हुए और मामले को 18 करोड़ रुपये में तय करते हुए सुना क्योंकि वह 'समीर वानखेड़े (एनसीबी के जोनल डायरेक्टर) को 8 करोड़ रुपये देने थे।'

ये है पूरा मामला

गौरतलब है कि NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के नेतृत्व वाली टीम ने इस महीने की शुरुआत में क्रूज शिप पर छापा मारकर आर्यन खान सहित उनके दोस्तों को गिरफ्तार किया था। आर्यन फिलहाल मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है। अब आर्यन खान की जमानत पर सुनवाई 26 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट में होगी।

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