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UP Lekhpal Bharti 2021 : नवंबर महीने में होगी लेखपाल भर्ती परीक्षा, क्या इसमें भी लागू होगी आपको प्रभावित करने वाली नॉर्मलाइजेशन की व्यवस्था

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. UP Lekhpal Bharti 2021 : उत्तर प्रदेश में लेखपाल के 7882 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा अगले महीने होनी है। राज्य में लेखपाल के पदों पर यह भर्ती कई सालों के बाद निकल रही है, इसलिए इसमें लाखों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं।

उत्तर प्रदेश में लेखपाल के 7882 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा अगले महीने होनी है। राज्य में पिछले कई सालों से लेखपाल के पदों पर बहाली नहीं हुई है, इसलिए इस भर्ती को लेकर राज्य के युवा काफी उत्सुक हैं। हालांकि लेखपाल की इस भर्ती के लिए अभी तक नोटिफिकेशन नहीं जारी किया गया है। लेकिन, यह उम्मीद जताई जा रही है कि प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (PET) के परिणामों की घोषणा के बाद लेखपाल भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है। 

इस भर्ती में सिर्फ उन्हीं अभ्यर्थियों को हिस्सा लेने का मौका मिलेगा, जो 24 अगस्त को आयोजित हुई PET में सफलता हासिल करेंगे। दरअसल राज्य में लेखपाल की भर्ती अब उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा की जानी है और UPSSSC द्वारा आयोजित की जाने वाली ग्रुप C की भर्तियों के शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों का PET में उतीर्ण होना आवश्यक  है।

क्या लेखपाल भर्ती में लागू होगी नॉर्मलाइजेशन की व्यवस्था 

UPSSSC द्वारा लेखपाल भर्ती के लिए परीक्षा अगले महीने आयोजित की जानी है। इस परीक्षा के लिए अभी तक नोटिफिकेशन नही आने से अभ्यर्थियों को कोई सूचना नहीं मिल पा रही है। हालांकि जो अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, उन्हें यह बात जान लेनी चाहिए कि इसमें नॉर्मलाइजेशन की व्यवस्था लागू होगी या नहीं। गौरतलब है कि यह व्यवस्था बहुत ही विवादित है और कई अभ्यर्थी इसके लागू होने से खुश नहीं होते हैं। लेखपाल भर्ती में इस व्यवस्था के लागू होना पूरी तरह से इस चीज पर निर्भर करेगा, की इसकी परीक्षा कितने शिफ्ट्स में आयोजित होती है। दरअसल UPSSSC पिछले कुछ वर्षों से एक से अधिक पालियों में आयोजित की जा रही परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन की व्यस्था लागू करती है।

 क्या है नॉर्मलाइजेशन की व्यस्था 

अलग अलग पालियों तथा दिनों में आयोजित किए जाने वाले परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की ये शिकायत होती है कि उनके पाली में कठिन प्रश्न आये थे और दूसरे अभ्यर्थियों की पाली में आसान प्रश्न आये थे। ऐसी स्थिति में जिस पाली में आसान प्रश्न आते हैं , उस पाली के अभ्यर्थियों को ज्यादा मार्क्स मिल जाता है और बाकी अभ्यर्थी कम मार्क्स मिलने पर प्रतिस्पर्धा से बाहर हो सकते है। ऐसे ही मार्क्स के असमान वितरण को रोकने के लिए परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन की व्यस्था लागू की जाती है।

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