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फोरलेन बाईपास के आस-पास के खेत उगल रहे सोना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. मऊ नगरों के आस-पास के जिन गांवों में कल तक जहां जाने के लिए एक ढंग का कच्चा रास्ता तक नहीं था, वहीं उन गांवों को जोड़ने के लिए फोरलेन बाइपास ने लगभग आकार ले लिया है। 

नगरों के आस-पास फोरलेन बाईपास के लिए जमीन देने वाले किसानों को जहां करोड़ों रुपये मुआवजे के रूप में मिल गए, वहीं फोरलेन के आकार लेने के बाद आस-पास की जमीनों की कीमत दिन दूनी और रात चौगुनी बढ़ रही है। 

आलम यह है कि नगर से नजदीकी के आधार पर जमीन की कीमत 25 से 30 लाख रुपये प्रति मंडा या दो से तीन करोड़ रुपये प्रति बीघे तक पहुंच गई है। यह सच्चाई है कि फोरलेन बाइपास के आने के बाद आस-पास के खेत धान और गेहूं नहीं सीधे सोना उगल रहे हैं।

मऊनाथ भंजन एवं कोपागंज नगर को बचाने के लिए बढुआगोदाम से भदसा मानोपुर तक लगभग 22 किलोमीटर का फोरलेन बाईपास 21 गांवों की सरहद से होता हुआ गुजर रहा है। फोरलेन बाईपास निर्माण का धरातलीय कार्य लगभग 80 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। कार्य में फोरलेन की राह में आने वाले अंडरपास व पुल निर्माण के ही कार्य ज्यादातर प्रगति पर हैं।

अभियंताओं का आकलन है कि अब छह माह से अधिक का कार्य शेष नहीं है। इसलिए वर्ष 2022 समाप्त होने के पहले-पहले इस पर वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा। उधर, जैसे-जैसे फोरलेन बाइपास का काम आगे बढ़ता जा रहा है, फोरलेन बाइपास के आस-पास की जमीनों में लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। 

मकसद जमीनों में निवेश का हो या फिर घर-गोदाम आदि व्यापारिक प्रतिष्ठान बनाने का, नगर क्षेत्र के लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर के दायरे में आने वाली जमीनों का भाव तीन या फिर चार करोड़ रुपये प्रति बीघे तक पहुंच गया है। बुजुर्ग किसान यह सब देख हैरान हैं कि खेती करके तो वे कभी धन नहीं देख सके, लेकिन खेत बेचने वाले जरूर धनवान होते जा रहे हैं।

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