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अखिलेश का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हुए सुभाष पासी का गाजीपुर में विरोध, लगे मुर्दाबाद के नारे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. Saidpur News : चुनावी मौसम में उत्तर प्रदेश के नेताओं का एक दल से दूसरे दल में आना-जाना जारी है लेकिन कहीं-कहीं इस आवाजाही के चलते कुछ अलग दृश्‍य भी सामने आ जा रहे हैं। ताजा मामला सैदपुर के विधायक सुभाष पासी का है जिन्‍होंने हाल ही में अखिलेश यादव की सपा छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। इसे लेकर नाराज लोगों ने क्षेत्र में सुभाष के खिलाफ जमकर नारे लगाए। यही नहीं विधायक जनता के बीच पहुंचे तो लोग उनके सामने ही मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। 

लोगों ने विधायक पर क्षेत्र की उपेक्षा और कोई काम न करने का आरोप लगाया। बताया जा रहा है कि यह वाकया बुधवार की रात को हुआ। इस दौरान विधायक की कुछ लोगों से जमकर तू-तू, मैं-मैं भी हुई। लोगों ने अखिलेश यादव के समर्थन में भी नारे लगाए। गौरतलब है कि सुभाष पासी को पिछले दिनों ने सपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में निष्‍कासित कर दिया था। इसके बाद सुभाष ने दो नवम्‍बर को सुभाष ने भाजपा की सदस्‍यता ले ली।

गाजीपुर की सैदपुर सीट से विधायक सुभाष पासी जिले के देवकली ब्लाक के डिहिया गांव के रहने वाले हैं। वह 2017 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे। उन्‍होंने भाजपा प्रत्याशी विद्यासागर सोनकर को हराया था। सुभाष को प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी ज्‍वाइन कराई थी। 

सपा पर लगाया था जातिवादी राजनीति का आरोप 

सपा छोड़ते वक्‍त विधायक सुभाष पासी ने उस पर जातिवाद का आरोप लगाया था। उन्‍होंने कहा था कि पार्टी में दलितों की अनदेखी की जा रही है। एमएलए होने के बाद भी पार्टी फोरम पर उनकी बात नहीं सुनी जाती है। अपनी ही पार्टी में समय-समय पर अपमानित किए जाने का आरोप भी उन्‍होंने लगाया था। 

उन्‍होंने कहा था कि इन हालात में उनके सामने अपने समर्थकों और खुद के सम्मान के लिए भाजपा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्‍प नहीं बचा था। सुभाष पासी ने कहा था कि उनके पिता और भाई की हत्या हो चुकी है। वह भी असुरक्षित महसूस करते हैं। इसके बावजूद उनकी सुरक्षा को लेकर मुख्‍यमंत्री रहते अखिलेश यादव ने कोई पहल नहीं की थी।

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