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सचिवालय यौन शोषण केस में अनुसचिव इच्छाराम निलंबित, सचिवालय प्रशासन विभाग से संबद्ध

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के अनुसचिव इच्छाराम को निलंबित कर सचिवालय प्रशासन विभाग से संबद्ध कर दिया गया है। आउटसोर्सिंग पर तैनात महिला कम्प्यूटर आपरेटर द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाने और इसे लेकर वायरल हुए वीडियो में प्रथम दृष्टया इन्हें आरोपी माना गया है। उत्तर प्रदेश सरकारी (सेवक आचरण) नियमावली, 1956 के नियमों के उल्लंघन का दोषी मानते हुए यह कार्रवाई की गई है।

सचिवालय प्रशासन विभाग के विशेष सचिव अरूण प्रकाश की ओर से अनुसचिव इच्छाराम को निलंबित कर सचिवालय प्रशासन विभाग से संबद्ध किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। मालूम हो कि महिला कर्मचारी द्वारा मामले की रिपोर्ट लिखाए जाने के बाद पुलिस ने आरोपित अनुसचिव इच्छाराम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जल्द मामले की जांच के लिए कमेटी का भी गठन किया जाएगा।

बता दें कि बापू भवन में महिला सहकर्मी से छेड़छाड़ के आरोपित अनुसचिव इच्छाराम को आखिरकार पुलिस ने गुरुवार तड़के गिरफ्तार कर लिया था। आरोपित के खिलाफ 29 अक्टूबर को महिला ने एफआइआर दर्ज कराई थी। तब आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया गया। परेशान होकर पीड़िता ने छेड़छाड़ का वीडियो वायरल कर दिया। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। अपर मुख्य सचिव हेमंत राव ने बताया कि आरोपित को निलंबित कर दिया गया है। पीड़िता का आरोप है कि वर्ष 2018 से आरोपित उन्हें परेशान कर रहा था। आरोपित के दबाव में वह उसकी हरकतों को नजरअंदाज कर देती थी, लेकिन धीरे-धीरे उसकी हरकतें बढ़ती गईं।

आरोपित ने अक्टूबर में कार्यालय में सबके सामने महिला से छेड़छाड़ की, लेकिन किसी ने उसका विरोध नहीं किया। पीड़िता ने 29 अक्टूबर को हुसैनगंज कोतवाली में आरोपित के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई। एफआइआर के बावजूद हुसैनगंज पुलिस आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर रही थी। इंस्पेक्टर हुसैनगंज अजय सिंह आरोपित के प्रभाव में थे। मजबूर होकर उसने छेड़छाड़ का वीडियो वायरल किया। वीडियो वायरल होते ही पुलिस अधिकारी हरकत में आए और टीम गठित की गई। 

पीड़िता के मुताबिक वह वर्ष 2013 से बापू भवन में संविदा पर कार्यरत है। वर्ष 2018 में इच्छाराम यादव ने अनुसचिव का पदभार संभाला और तब से वह उसे गलत नजरों से देखता था। वह महिला पर शादी का दबाव बनाता था और नौकरी से हटाने की धमकी देता था। मुकदमा दर्ज होने की जानकारी के बाद से आरोपित लगातार पीड़िता को धमका रहा था।

सचिवालय में यौन उत्पीड़न की जांच को गठित कमेटी अध्यक्ष विहीन : उत्तर प्रदेश सचिवालय में महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायत के लिए गठित की कई कमेटी ही अध्यक्ष विहीन है। बीती चार फरवरी 2021 को अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार को अध्यक्ष बनाया गया था। मगर कुछ ही दिन बाद रेणुका कुमार केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में सचिव के पद पर तैनात कर दिया गया। इसके बाद से अध्यक्ष पद खाली है। 

कमेटी में गैर सरकारी संस्था के तौर पर आली को नामित किया गया है। वह दो पदेन सदस्य हैं। सचिवालय में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अनुसचिव इच्छाराम यादव के खिलाफ आउटसोर्सिंग पर तैनात महिला कर्मचारी द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत किए जाने के बाद जब कमेटी के समक्ष मामला भेजे जाने की बात आई तो इसका खुलासा हुआ। अब सचिवालय प्रशासन विभाग के अधिकारी इस मामले में लीपापोती करने में जुटे हुए हैं। उनका कहना है कि अध्यक्ष न होने पर भी संयोजक सदस्य व दो अन्य सदस्य मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे। वहीं अब कमेटी के लिए नया अध्यक्ष ढूंढ़ने का काम भी तेज हो गया है।

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