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इन्होंने पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी- मनोज सिन्हा नहीं बनेंगे मुख्यमंत्री, योगी के साथ है 'संयोग'

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. सियासत में एक तस्वीर कई बहस को शुरू कर देती है। ऐसी ही एक तस्वीर की आजकल यूपी की सियासी गलियारों में बड़ी चर्चा है। इस तस्वीर में पीएम मोदी सीएम के कंधों पर हाथ रख कर कुछ बात करते दिख रहे हैं। इस तस्वीर को खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल से साझा किया था, जिसके बाद सियासी हलकों में यूपी भाजपा के नेतृत्व को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।


साल 2017 के विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी में 4 नामों पर रार मची थी। केशव प्रसाद मौर्य, श्रीकांत शर्मा, मनोज सिन्हा और योगी आदित्यनाथ के नाम पर आखिर तक संशय बना हुआ था। आखिरी वक्त तक तय नहीं था कि किसके सर सीएम का ताज सजेगा। इन्हीं नामों के बीच एक नाम था गाज़ीपुर के तत्कालीन सांसद और केंद्र में मंत्री मनोज सिन्हा का। रेल राज्य मंत्री और संचार मंत्री के तौर पर मनोज सिन्हा भी पीएम मोदी की पसंद माने जा रहे थे।

पीएम मोदी और सीएम योगी की तस्वीर के बाद उठी चर्चा के बाद एक बार फिर से वो किस्सा हम आपके लिए लाए हैं जब न सिर्फ मनोज सिन्हा बल्कि उनके करीबी भी यह मान चुके थे कि सीएम का पद उन्हें ही मिल रहा है और वो काशी में पूरे लाव-लश्कर के साथ दर्शन-पूजन कर अपने कुलदेवी के आशीर्वाद लेने गाज़ीपुर भी जा रहे थे। तभी काशी के एक ज्योतिष ने कुछ ऐसा कहा कि मनोज सिन्हा की निराशा का पारावार ही नहीं रहा। उन्हें भी नहीं पता था कि कुछ ही घंटों में उस ज्योतिषी की भविष्यवाणी सही साबित होने वाली है।

सर्किट हाउस में ही बता दिया था- नहीं बनेंगे सीएम

मार्च 2017 के दूसरे हफ्ते में जैसे ही विधानसभा चुनावों के नतीजे आए, नतीज़ों में बीजेपी ने 300 से ज्यादा विधानसभा सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल कर लिया था। गाज़ीपुर समेत पूरे पूर्वांचल में गहमागहमी शुरू हो गई। 17 मार्च तक चार नामों की सबसे ज्यादा चर्चा थी। गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ, उस समय के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और कौशाम्बी से सांसद केशव प्रसाद मौर्य, मथुरा से विधायक बने राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा और उस समय पीएम मोदी के गुड बुक में शामिल हो चुके गाज़ीपुर से सांसद मनोज सिन्हा।

18 मार्च की सुबह-सुबह अचानक मनोज सिन्हा काशी पहुंचे और संकट मोचन, काशी विश्वनाथ मंदिर और काल भैरव के दर्शन कर गाजीपुर अपने कुलदेवी के दर्शन के लिए निकलने वाले थे। दिन में करीब 12 बजे वो गाज़ीपुर के लिए निकले। इसी बीच मनोज सिन्हा के पारिवारिक ज्योतिषी दीपक मालवीय उस समय सर्किट हाउस में थे। दीपक मालवीय ने एनबीटी ऑनलाइन से खास बातचीत में बताया कि उस दिन सुबह साढ़े दस बजे सर्किट हाउस में मनोज सिन्हा के बेहद करीबी ने उनसे शपथ ग्रहण के समय पर चर्चा की और शुभ समय के लिए पूछा।

दीपक मालवीय ने इसके बाद स्पष्ट तौर पर उन्हें बताया कि सीएम बनने के संयोग और ग्रह दशा अनुकूल नहीं हैं। दीपक मालवीय बताते हैं कि उस वक्त उन्होंने 4 प्रमुख नामों की ग्रहदशा की ज्योतिषीय गणना की थी, जिसमें उस वक्त योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के संयोग सबसे ज्यादा प्रबल थे। इस बात को तुरंत ही मनोज सिन्हा को उनके करीबी ने बताया। फोन पर ये बात सुनते ही मनोज सिन्हा थोड़े नाराज भी हुए और निराश भी हो गए। उस वक्त मनोज सिन्हा गाज़ीपुर के रास्ते पर अपने कुलदेवी के दर्शन के लिए जा रहे थे।

अचानक से बढ़ा दी गई थी सुरक्षा

पीएम मोदी की गुड बुक में शामिल मनोज सिन्हा जैसे ही काशी आए स्थानीय पत्रकार भी मनोज सिन्हा से बात करने के लिए डीएलडब्लू गेस्ट हाउस और उनके रिश्तेदारों के यहां पहुंचने लगे। एक सीएम को जैसा प्रोटोकॉल मिलता है, उस तर्ज़ पर मनोज सिन्हा के आसपास सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया था। संकट मोचन मंदिर आए तो उनके काफिले में ऐंबुलेंस शामिल थी।

काशी विश्वनाथ मंदिर, काल भैरव के दर्शन के वक्त भी काफिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई। जगह-जगह उनके काफिले को रोककर उनके समर्थक स्वागत कर रहे थे। करीब साढ़े दस बजे ज्योतिषी ने भविष्यवाणी की थी और दिन में करीब 2 बजे तक हालात बदल गए। लखनऊ में तय हो गया था कि मनोज सिन्हा के नाम पर सहमति नहीं बनी है। ज्योतिषी की बात सच साबित हुई और योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री निर्वाचित हो गए।

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