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भगवान श्रीराम की तरह न अधर्म करेंगे और न सहेंगे : CM योगी आदित्यनाथ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आज के समय में समूची दुनिया अयोध्या से आत्मीय संवाद बना रही है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम धर्म के साक्षात स्वरूप हैं। प्रभु राम और धर्म अलग-अलग नहीं हो सकते हैं। भगवान राम की तरह ही हम भी न अधर्म करेंगे और न सहेंगे। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट की ओर से आयोजित श्री विष्णु सर्व अद्भुत शांति महायज्ञ की पूर्णाहुति के अनुष्ठान में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के बाद एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महर्षि योगी ने 1950-60 के दशक के उपरांत भारत और भारतीयता को विश्व पटल के सामने प्रस्तुत करने के लिए जो कार्य किया वह अद्भुत और अभिनंदनीय रहा। 

तब दुनिया हमारे बारे में गलत धारणा बना रही थी लेकिन महर्षि ने समूचे विश्व को सही राह दिखाई। योगी ने कहा कि वेद सबसे प्राचीन ग्रंथ है। इसे हर एक व्यक्ति ने माना लेकिन इसके बारे में दुष्प्रचार भी किया गया। कई लोगों ने गलत तथ्य प्रस्तुत किए। महर्षि ने भारत और भारतीयता को समृद्धि दी। योग की परंपरा को दुनिया के सामने रख विश्व का ध्यान आकर्षित किया। वह भी तब जब सरकार अपने को धर्मनिरपेक्ष दिखाने का प्रयास कर रही थी। 

अत्याचार व अन्याय का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अयोध्या खड़ी रही

सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या सूर्यवंश की राजधानी है और भगवान राम विश्व के महत्वपूर्ण अवतार हैं। उन्होंने यहीं अयोध्या में जन्म लिया। विश्व की मानवता को कैसा आचरण करना चाहिए इसका आदर्श प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कौन सा ऐसा भारतीय होगा जो अयोध्या की परंपरा पर गौरव न करता हो। हर व्यक्ति अयोध्या से जुड़ना चाहता है। विश्व की मानवता अयोध्या के साथ जुड़ने पर गौरव की अनुभूति करती है। यही भगवान राम की विशेषता है, यही सनातन धर्म की भी विशेषता है। 

उन्होंने कहा कि अयोध्या ने 500 वर्ष तक का लंबा संघर्ष झेला है। रामजन्मभूमि को अपवित्र करने का पहला कार्य सैयद सालार मसूद गाजी ने किया। इसके बाद भी हमले होते रहे लेकिन अयोध्या चुप नहीं बैठी। अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया। जिसने भी अत्याचार और अन्याय किया उनका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अयोध्या खड़ी रही। इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य डॉ. सुधांशु त्रिवेदी के साथ यज्ञ मंडप में पहुंचकर पूर्णाहुति में सहभागिता की।  

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