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गाय के गोबर से बनाई जा रही है बिजली, एक गाय के गोबर से साल भर रौशन हो सकते हैं 3 घर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. गाय और गोबर को लेकर देश में अकसर बहसे होती रहती है, इसके बारे मे आपने पॉजिटिव और निगेटिव बातें सुनी होंगी। लेकिन इस समय ब्रिटेन में गाय का गोबर चर्चाओं में बना हुआ है। इसकी वजह भी बेहद दिलचस्प है। ब्रिटेन के किसानों ने गाय के गोबर से बिजली बनाने का विकल्प तलाश कर लिया है। किसानों के एक समूह ने बताया कि उन्होंने गाय के गोबर पाउडर तैयार किया गया है, जिससे बैटरियां बनाई गई हैं।

किसानों के मुताबिक, उन्होंने गाय के एक किलोग्राम गोबर से इतनी बिजली तैयार कर ली है, कि उससे 5 घंटे तक वैक्यूम क्लीनर चलाया जा सकता है। ब्रिटेन के आर्ला डेयरी ने गोबर का पाउडर बनाकर यह काम किया है। इस पाउडर से बैटरियां तैयार की गई हैं। इन्हें काउ पैटरी का नाम दिया गया है। AA साइज़ की पैटरीज़ से साढ़े 3 घंटे तक कपड़े भी इस्त्री किए जा सकते हैं। ये काफी दिलचस्प और उपयोगी आविष्कार है।

गोबर से पूरी होगी बिजली की ज़रूरत

ब्रिटिश डेयरी को ऑपरेटिव आर्ल ने ये बैटरी तैयार किए हैं। बैटरी एक्सपर्ट GP Batteries का दावा है कि एक गाय के गोबर से तीन घरों को साल भर बिजली उपलब्ध हो सकती है। एक किलोग्राम गोबर के उपयोग से 3.75 किलोवाट बिजली पैदा करना संभव है। अतः 4,60,000 गायों के गोबर से बिजली बनाई जाए, तो 12 लाख ब्रिटिश घरों में बिजली की आपूर्ति की जा सकगी। डेयरी में साल भर में 1 मिलियन टन गोबर निकलता है जिससे बड़ी मात्रा मे बिजली उत्पादन किया जा सकता है।

डेयरी में इस्तेमाल हो रही है गोबर बिजली

Arla डेयरी में सभी तरह के बिजली की अवश्यक्ताओ की आपूर्ति गोबर से बनी बिजली से ही की जा रही है। इससे निकले वेस्ट का उपयोग खाद के रूप में किया जा रहा है। बिजली बनाने की प्रक्रिया को एनएरोबिक डाइजेशन कहा जाता है, जिसमें जानवरों के वेस्ट से बिजली तैयार की जाती है। डेयरी में 4,60,000 गायें हैं, जिनके गोबर को सुखाकर पाउडर तैयार किया जाता है और फिर इसे विद्दुत ऊर्जा में बदला जाता है। Daily Star से हुए बातचीत मे Arla के एग्रीकल्चर डायरेक्टर ने बताया कि यदि इस तरफ सरकार ध्यान दे, तो यह रीन्यूएबल एनर्जी सप्लाई में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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