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वाराणसी का प्रवेश द्वार होगा लहरातारा से मोहनसराय सिक्स लेन, शासन ने सड़कों के लिए 100 करोड़ किया जारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लहरतारा से मोहनसराय तक सिक्स लेन और कलेक्ट्री फार्म से रिंग रोड तक फोरलेन सड़क का शिलान्यास करने के साथ कहा कि लहरातारा से मोहनसराय तक सिक्स लेन सड़क काशी का प्रवेश द्वार होगा। दिल्ली, कोलकोता, प्रयागराज से आने वाले दर्शनार्थी और यात्रियों को शहर में आने में आसानी होगी। 

अभी उन्हें पहुंचने में काफी परेशानी होती है, जाम झेलने के साथ समय उनका बर्बाद होता है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण होने के साथ दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ गई है। उधर, लोक निर्माण विभाग ने दोनों सड़कों का टेंडर निकाला है, जल्द ही टेंडर फाइनल होने के साथ काम शुरू होगा। दोनों सड़कों के लिए शासन ने 100 करोड़ रुपये आवंटित कर दिया है।

शहर में प्रवेश करने के लिए कई सड़कें हैं लेकिन उन सड़कों पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में शहर के अंदर आने वाली सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। छह सड़कों में मात्र लहरतारा से मोहनसराय तक की सड़क को सिक्स लेन बनाया जा रहा है जो पहली सड़क होगी, जिससे दूसरे प्रदेश और अन्य जिलों से आने वाले दर्शनार्थियों व यात्रियों को कोई परेशानी नहीं हो।

हटेंगे बिजली के खंभे और पेड़

सड़क के किनारे पडऩे वाले पेड़ और बिजली के खंभों को हटाने के लिए पीडब्ल्यूडी संबंधित विभाग से आने वाले खर्च पर चर्चा करने के साथ उसे हटाने के बारे में जानकारी हासिल कर लिया है। पीडब्ल्यूडी वन और बिजली विभाग को बजट भेजने जा रहा है।

10 सिक्स और तीन किमी फोर लेन

कैंट से मोहनसराय की दूरी 13 किलोमीटर है। इसमें 10 किलोमीटर लहरतारा बौलिया से मोहनसराय तक सड़क सिक्स लेन तथा बौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन तक सड़क फोरलेन बनेगी।

काशी से जुड़ेगा औद्योगिक नगरी

अध्यात्म की नगरी काशी से औद्योगिक नगर भदोही तक सफर अब आसान होगा। बनारस से भदोही पहुंचने में बमुश्किल एक घंटे लगेंगे। राहगीरों को जाम से मुक्ति मिल जाएगी। 273 करोड़ से कलेक्ट्री फार्म से रिंग रोड तक 8.6 किलोमीटर फोरलेन सड़क बनेगी। भदोही से कालीन का कारोबार विश्वस्तर पर है। यहां से कंटेनर के जरिए एयरपोर्ट और बंदरगाह से कोलकोता, मुंबई और दिल्ली कालीन भेजा जाता है। 

इस सड़क पर घनी आबादी होने और अत्याधिक यातायात का लोड को देखते हुए सड़क का फोरलेन होना जरूरी है। भदोही पहले बनारस का हिस्सा था, यहां के लोग आज भी रोज मार्केटिंग करने बनारस आते हैं। इस सड़क के दोनों तरफ आबादी होने के कारण छोटे-छोटे बाजार भी हैं, ऐसे में वाहनों की रफ्तार धीमी रहती है। लोहता समेत कई बाजारों में अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। इस मार्ग पर दो दशक कई कालोनियां, दुकान और अपार्टमेंट बन गए।

कैंट से मोहनसराय तक

लागत-412.53 करोड़

लंबाई-13 किमी

लहरतारा-रिंग रोड तक

लागत-272 करोड़

लंबाई-8.6 किमी.

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