Today Breaking News

अब बिना हॉलमार्क ज्वैलरी बेची तो लाइसेंस होगा निरस्त, सख्त नियम लागू

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. 1 दिसंबर से देश के 256 शहरों में केवल हालमार्क ज्वैलरी बेचने का कानून अनिवार्य रूप से लागू हो गया। इसमें कानपुर सहित प्रदेश के सभी बड़े शहर शामिल हैं। अब बिना हालमार्क वाली ज्वैलरी बेचते जो भी व्यापारी पाया जाएगा, उसके खिलाफ भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के अधिकारी कड़ी कार्रवाई कर सकेंगे।

केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने 16 जून से इन शहरों में हालमार्क ज्वैलरी अनिवार्य कर दी थी। हालांकि व्यापारियों को 30 नवंबर तक गहनों के पुराने स्टॉक को हालमार्क कराने की मोहलत दी गई थी। समयसीमा मंगलवार को खत्म हो गई। कानपुर में करीब 2200 सराफा व्यापारी हैं जिसमें पंजीकरण केवल 1000 ने ही कराया है। अब बीआईएस अफसर किसी भी शोरूम की औचक जांच कर सकते हैं। 

लाइसेंस रद से लेकर जेल तक का प्रावधान

बिना हालमार्क जेवर बेचने के सख्त प्रावधान किए गए हैं। इसमें एक साल के लिए व्यापारी का लाइसेंस रद किया जा सकता है। बिना हालमार्क ज्वैलरी को सीज किया जा सकता है। जुर्माना भी लगाया जा सकता है। पकड़े जाने पर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की जा सकती है, जिसमें एक साल की जेल का भी प्रावधान है।

हर सराफा दुकान में ये होना अनिवार्य

दुकान के बाहर हॉलमार्क का लोगो डिस्प्ले होना चाहिए, जिस पर लिखा हो कि यहां केवल हॉलमार्क ज्वैलरी मिलती है। अंदर भी लाइसेंस डिस्प्ले में लगा होना चाहिए। 10 गुना बड़ा दिखाने वाला मैग्नीफाइंग ग्लास हो ताकि एचयूआईडी मुहर ग्राहक आसानी से देख सके। तराजू 0.01 ग्राम एक्यूरेसी का होना चाहिए। हालमार्क शुल्क 35 रुपए प्रति नग सोने की ज्वैलरी और 25 रुपए प्रति नग चांदी की ज्वैलरी पर लिया जाएगा। शिकायत के लिए बीआईएस का पूरा पता और फोन नंबर लिखा होना चाहिए। 

बीआईएस अधिकारी दुकान से जेवर का सैंपल लेंगे जिस एचयूआईडी मुहर होगी। आकस्मिक चेकिंग पर बताना होगा कि किस एचयूआईडी का गहना किस थोक व्यापारी से खरीदा है। उसका प्रमाण देना होगा। यदि एचयूआईडी वाला जेवर हालमार्क टेस्टिंग में फेल हो जाता है तो जिम्मेदारी बेचने वाले व्यापारी की होगी न कि उसे देने वाले व्यापारी की। ऐसा पाए जाने पर दुकान को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। 

हॉलमार्क का स्वागत करते हैं लेकिन उत्पीड़न का विरोध होगा। देश में नया कानून है इसलिए गलतियां और मीन-मेक निकालने के बजाय उसमें सुधार का दृष्टिकोण होना चाहिए। उद्देश्य यही होना चाहिए कि कैरेट की शुद्धता वाला जेवर ग्राहक को मिले और बेईमानी पर नकेल कसे जाए न कि व्यापार पर। - महेश चंद्र जैन, अध्यक्ष यूपी सराफा एसोसिएशन

सरकार ने दो बार व्यापारियों को छूट दी थी, जिसकी मियाद 30 नवंबर को पूरी हो गई। अब कोई भी व्यापारी बिना हॉलमार्क ज्वैलरी खरीदते और बेचते हुए पाया जाएगा तो बीआईएस अफसर उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। - पंकज अरोरा, प्रेसीडेंट ऑल इंडिया ज्वैलरी एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन

'