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योगी सरकार अब इन स्टूडेंट्स को भी देगी छात्रवृत्ति, लाखों छात्रों को मिलगा लाभ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. यूपी आगामी विधानसभा 2022 चुनाव से पहले योगी सरकार हर कार्य को सफल करने में पूरी ताकत झोंक रही है. इसी के साथ यूपी सरकार अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करने की कोशिश में जुटी है. इसके लिए लगातार नियमों में बदलाव लाने की कोशिश कर रही है. इसी के तहत अब सरकार ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) की दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में 60 प्रतिशत अंकों की बाध्यता खत्म कर दी है. अब सरकार ने इस नियम को हटा दिया है.

यह नियम निजी शिक्षण संस्थानों के ऐसे प्रोफेशनल पाठ्यक्रम जिनमें दाखिला इंटरमीडिएट की मेरिट लिस्ट से होता है, उन पर लागू किया है. यानी अब इंटर में 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले छात्र-छात्राएं भी छात्रवृत्ति का लाभ पा सकेंगे. इस योजना का लाभ करीब एक लाख से अधिक छात्रों को मिलने की उम्मीद है.

अक्टूबर 2019 में समाज कल्याण विभाग ने एससी-एसटी दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के नियमों में परिवर्तन किया था. जिसके तहत सरकार ने निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों से प्रोफेशनल कोर्स करने वाले एससी के उन्हीं छात्रों को छात्रवृत्ति देने का पात्र माना था, जिनको 12वीं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक अंक मिले हो.  निदेशक समाज कल्याण राकेश कुमार ने सभी जिला समाज कल्याण अधिकारियों को सरकार के नए दिशा-निर्देश शुक्रवार को भेज दिए. उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले छात्र-छात्राएं भी अब छात्रवृत्ति पा सकेंगे. बता दें कि, आनलाइन आवेदन 10 जनवरी तक किए जा सकते हैं.

निजी संस्थानों में इन पाठयक्रमों में मिलेगा लाभ 

स्नातक,  डिप्लोमा, सार्टिफिकेट पाठ्यक्रम, बीफार्मेसी, नर्सिंग, एलएलबी, आईटीआई, पैरामेडिकल, मास कम्यूनिकेशन, होटल मैनेजमेंट, न्यूट्रेशन एंड डाइटेटिक्स, कामर्शियल आर्ट, टूरिज्म हास्पिटैलिटी, फाइनेन्शियल सर्विसेज आदि. 

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