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पांच हजार करोड़ के लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की टेंडर प्रकिया शुरू, जानें- कब से शुरु होगा काम

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. लखनऊ से कानपुर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पहले से है, लखनऊ से कानपुर व कानपुर से लखनऊ के बीच भारतीय रेलवे एक दर्जन मेमू ट्रेनों का संचालन कर रहा है। अब उसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक नया आठ लेन का रूट बनाया जाएगा। पांच हजार करोड़ के इस टेंडर को इसी सप्ताह खुलना है। लखनऊ से कानपुर की दूरी 40 मिनट में पूरी हो सकेगी। 

इसके पीछे सबसे बड़ा कारण 18 किमी. का एलीवेटेड रूट और उसके बाद 45 किमी. का ग्रीन फील्ड का नया रूट प्रस्तावित है। इस प्रोजेक्ट का निर्माण बहुत जल्द शुरू हो जाएगा। क्योंकि आगामी दो साल में पूरा करने की तैयारी भी है। इस रूट को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने एनइ छह का दर्जा दिया है।

इस एक्सप्रेसवे को शहीद पथ के निकट एनएच 27 के जंक्शन से शुरू किया जाएगा, जो बनी होते हुए कांठा और अमरसास को जोड़ने का काम करेगा। इसके बाद कानपुर के निकट एनएच 27 के जंक्शन को कनेक्ट करने में भूमिका निभाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के इस काम से लखनऊ एयरपोर्ट से निकलने वाला ट्रैफिक सीधे एलीवेटेड रोड पर चढ़ सकेगा और बनी के आगे उतरकर नए ग्रीन फील्ड पर बन रहे रूट से अपने गंतव्य पर जा सकेगा। 

शहीद पथ व आलमबाग से आने वाला ट्रैफिक भी सीधे एलीवेटेड से निकल सकेगा। कुल मिलाकर सरोजनी नगर, बंथरा, बनी कस्बे में लगने वाले जाम व स्थानीय बाजार से लगने वाले जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। इससे वाहनों की रफ्तार जो इन कस्बों में आकर धीमी हो जाती थी और कानपुर का सफर दो घंटे से अधिक होता था, वह अब 40 से 45 मिनट का होगा। इस रूट पर एक टोल प्लाजा जरूर पड़ेगा।

एक नजर में कानपुर एक्सप्रेसवे 

  • जमीन अधिगृहित हो रही है करीब 450 हेक्टेअर
  • मुआवजा दिया जा रहा है करीब 900 करोड़
  • प्रोजेक्ट की कीमत करीब पांच हजार करोड़
  • आठ लेन है प्रस्तावित व टोल प्लाजा एक .
  • एक्सप्रेस वे की लंबई 62.755 किमी.
  • प्रमुख पुलों की संख्या होगी दो, मुख्य कैरिज वे पर छोटे पुल होंगे 26
  • फ्लाइओवर पांच व दो एलीवेटेड रोड
  • वाहन अंडर पास 16, पैदल चलने के लिए अंडर पास 22
  • आरओबी की संख्या एक

पुलिया की संख्या अस्सी व सर्विस रोड की संख्या छह होगी 

पांच हजार करोड़ की लागत से कानपुर एक्सप्रेस वे बनाने की तैयारी है। इसका टेंडर इसी सप्ताह खोला जाएगा। इसके बाद औपचारिकताएं पूरी करते हुए जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके बनने से लखनऊ से कानपुर के बीच वाहनों को गति मिलेगी और सफर में लगने वाला समय भी कम होगा। -एनएन गिरी, परियोजना महाप्रबंधक, एनएचएआइ

 
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