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सैफई में तैनात महिला दारोगा बर्खास्त, वाराणसी में एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ा था

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी/इटावा. चार वर्ष पहले 2017 में 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ी गई महिला दारोगा को विभागीय जांच पूरी होने के बाद दोषी मान बर्खास्त कर दिया गया। महिला दारोगा दो साल से सैफई थाने में तैनात थी।

एसएसपी जय प्रकाश सिंह ने बताया कि गोरखपुर जिले के बांसगांव क्षेत्र के कौड़ीराम निवासी दारोगा गीता के खिलाफ वाराणसी जिले के शिवपुर थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में उसे जेल भेजा गया था और विभागीय जांच शुरू हो गई थी। जमानत पर गीता यादव जेल से छूटी थी और तैनाती दोबारा विभाग में हो गई थी। सैफई थाने में वह वर्ष 2019 से तैनात थी। अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय एवं अपराध ने दारोगा गीता यादव को जांच में दोषी पाए जाने पर बर्खास्तगी की रिपोर्ट भेजी, जिस पर उसको बर्खास्त कर दिया गया है।

मुकदमे में नाम हटाने का किया था सौदा : कैंट रेलवे स्टेशन पर टीटीई पद पर कार्यरत वाराणसी जिले के शिवपुर क्षेत्र के भरलाई निवासी अभिषेक पाठक की पत्नी पूजा ने उन पर, बहन व मां के खिलाफ दहेज उत्पीडऩ का मुकदमा 27 जून, 2017 को दर्ज कराया था। मामले की जांच दारोगा गीता यादव कर रही थीं। अभिषेक ने विवाहिता बहन का नाम मुकदमे से हटाने की गुहार लगाई थी।

गीता ने एक लाख रुपये रिश्वत मांगी। मामला 80 हजार रुपये पर तय हुआ। अभिषेक ने 30 हजार रुपये दे भी दिए। इसके बाद गीता बाकी रुपये देने का दबाव अभिषेक पर बनाने लगी और 16 नवंबर, 2017 को उसके घर जा कर धमकी दी थी। अभिषेक पाठक ने 18 नवंबर, 2017 को भ्रष्टाचार निवारण संगठन से शिकायत की। इसके बाद योजना के अनुसार अभिषेक ने अगले ही दिन दारोगा को अपने घर 20 हजार रुपये देने के लिए बुलाया। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।

 
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